आंगनबाड़ी में डीएम का बेटा..!! सिरफिरे नाई ने कर दिया हमला
चमोली में डीएम स्वाती के वाहन पर हमला,बच्चा सुरक्षित,युवक गिरफ्तार
चमोली/देहरादून। जिलाधिकारी के वाहन पर एक सिरफिरे यवुक ने हमला कर शीशा तोड़ दिया। हांलाकि वाहन में सवार डीएम का बेटा व उसके साथ मौजूद महिला सुरक्षित है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार आज प्रातः जिलाधिकारी स्वाती एस. भदौरिया ने बेटा को आंगनबाड़ी के लिये महिला कर्मचारी के साथ कार संख्या यूके 07 टीबी 3520 में रवाना किया। इस दौरान रास्ते में बाईक पर कार से टक्कर लग गई। बताया जाता है कि बाईक पर मामूली खरोच आने के बावजूद सिरफिरे युवक ने बिना कुछ सोचे समझे वाहन पर हमला कर दिया। जिससे डीएम की कार का शीशा चक्नाचूर हो गया। डीएम के वाहन पर हमले की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस दौरान आपास के लोग भी वां आ पहुंचे। घटना में डीएम का बेटा व अन्य महिला सुरिक्षत है। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए इस घटना में मोहम्मद शहजान निवासी नजीबाबाद के खिलाफ कार्रवाई की है। आरोपी मंदिर मार्ग पर नाई की दुकान में नाई के बतौर काम करता है। घटना के अनुसार बुधवार को सुबह 9 बजे के जिलाधिकारी की कार में उनके बेटे को लेकर ड्राइवर पुष्कर आंगनबाड़ी केंद्र ला रहा था। जब डीएम की कार मंदिर मार्ग की ओर आ रही थी तो सड़क के किनारे खडी एक मोटर साइकिल पर कार का हल्का सा झोंका लग गया। इतने में नाई की दुकान में काम कर रहे युवक ने कैंची हाथ में लेकर कार के पीछे के शीशे पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। कार के ड्राइवर पुष्कर ने कहा मैंने मोटर साइकिल पर लगे खरोंच के लिए माफी भी मांगी पर युवक नहीं माना और कैंची लेकर हमलावर हो गया।गौरतलब है कि चमोली जिले में तैनात जिलाधिकारी स्वाती एस. भदौरिया ने अपने दो वर्षीय पुत्र अभिमन्यु (काल्पनिक)को दो दिन पूर्व ही स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र में दाखिला किया है। आईएएस अफसर होने के बावजूद जिलाधिकारी स्वाती की यह पहल पूरे प्रदेश में जहां चर्चा का विषय बनी हुई हैं वहीं आईएएस स्वाती की यह मुहिम सोशल मडिया पर छा गई है। प्रदेशभर से डीएम की इस पहल की सराहना करते हुए लोगों की प्रतिक्रियां आ रही है। गौर हो कि प्रदेश में शिक्षा के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता का आभाव है। जबकि अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के लिये लगातार स्थानीय लोग शहरों में पलायन कर गये है। डीएम स्वाती की यह पहल प्रदेश में बढ़ते पलायन को रोकने की दिशा में अच्छा प्रयास हा सकता हैं एक ओर जहां बड़े अधिकारी अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला कराने को आतुर रहते हैं वहीं भारी भरकम रकम अदा करने से भी पीछे नहीं रहते। हांलाकि जिलाधिकारी स्वाती ने अपने बेटे को निजी कारणों के चलते आंगनबाड़ी में दाखिला कराया हो मगर उन्होंने अपनी इस पहल से अन्य अफसरों के साथ ही प्रदेशवासियों के लिए जागरूकता का संदेश छोड़ा है। अब देखना होगा कि अन्य अफसर भी इस तरह की पहल करते हैं या नहीं। उल्लेखनीय है कि आईएएस स्वाती एस भदौरिया इन दिनों सुदूरवर्ती जनपद चमोली में कार्यरत है। उनके पति भी आईएएस अफसर है। उत्तरप्रदेश के निवासी दोनों की शादी वर्ष 2014 में हुई। शादी के बाद दोनंो ने एक साथ उत्तराखंड में अपनी सेवायें दी। अब स्वाती के पति अल्मोड़ा में कार्यरत है। उत्तराखंड सचिवालय में दोनो आईएसएस पति पत्नी काम कर चुके है। डीएम स्वाती भदौरिया का कहना है कि समाज को जागरूक करना उनके कार्यक्षेत्र का पहला मकसद भी है। हांलाकि केंद्र सरकार की इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी संचालित किया जा रहा है। जन्कल्याकारी योजना का लाभी सभी को लेना चाहिये। उन्होंने भी अपने बेटे का आंगनबाड़ी में दाखिला कराया है। वह अब नियमित रूप से आंगनबाड़ी जा रहा है।