रूद्रपुर में आठ मेयर प्रत्याशियों के बीच होगा घमासान

40 वार्डाें से लड़ेंगे 153 पार्षद,दो निर्दलीय और एक कांग्रेस का निर्विरोध बने पार्षद

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ऊमसिंहनगर। रूद्रपुर नगर निगम से मेयर पद के लिये ताल ठोक चुके तीन निर्दलीय प्रत्याशियों रजनी आर्य, विरेंद्र सोनकर व अंजू ने अपना नामांकन वापिस ले लिया है। जबकि मेयर पद के लिये निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश कोली व ममता रानी का पर्चा खारिज हुआ है। नामांकन वापसी के बाद अब मेयर पद के लिये कुल आठ उम्मीदवार रह गये है। इनमें से भाजपा के रामलाल, कांग्रेस के नंदलाल समेत आप,उक्रांद, बसपा, सपा व निर्दलीय शामिल है। इनमें से एक निर्दलीय कांग्रेस का बागी है। वहीं पाषर्द के लिये 40 वाड़ों में कुल 30 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हुए है। इसके अलावा 18 उम्मीदवारों ने भी अपना पर्चा वापिस लिया है। इसके बाद अब पार्षद प्रत्याशियों की कुल संख्या 153 रह गई है। पार्षद पद नाम वापिस लेने वालों में वार्ड 28 से मोहित बत्र,वार्ड 40 से विजय कुमार, वार्ड 15 से मनोज धामीवार्ड 37 से अशोक कुमार, वार्ड 26 से सुनीता छाबड़ा, 14 से ओमप्रकाश,36 से अमित कुमार,32 से कन्हैंया लाल, 11 से रीना देवी, 16 से राम पाल सिंह, 17 से बबीता 10 से स्वीटी आर्य, 37 से जसप्रीत कौर,वार्ड एक से सचिन ने अपना नामांकन वापिस ले लिया है। इनमें से एक मेयर पद के उम्मीदवार ने भाजपा का समर्थन कर दिया है वहीं कुछ पार्षद प्रत्याशियों ने कांग्रेस व कुछ ने भाजपा के समर्थन में अपना पर्चा वापिस लिया है। इधर वार्ड 13 दूधिया नगर से कांग्रेस और भाजपा के पार्षद उम्मीदवारों का पर्चा खारिज होने के बाद निर्दलीय व भाजपा समर्थक प्रकाश सिंह धामी का निर्विरोध पार्षद बन ेंगे। वहीं वार्ड 17 से शालू पाल निर्दलीय,वार्ड 11 से कांग्रेस प्रत्याशी बबीता बैरागी निर्विरोध पार्षद बन जायेंगे। गौर हो कि रूद्रपुर नगर निगम में इस बार चुनाव काफी दिलचस्प दिखायी दे रहा है। यहां कांग्रेस और भाजपा में जबरदस्त उठापटक मची हुई है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने बागी तेवर दिखाते हुए भाजपा में शामिल हो गये है। इधर भाजपा और कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवारों ने भी अपना प्रचार तेज कर दिया है। स्थानीय मुद्दों को लेकर कांग्रेस वोट मांग रही ै तो भाजपा भी चहुमुखी विकास के लिये भाजपा सरकार को मजबूत करने का आह्वान कर रही है। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्रीय नेताओं के साथ ही आप और सपा बसपा के मेयर प्रत्याशियों ने भी अपना प्रचार तेज कर दिया है। नाम वापसी के बाद अब भी कई नेता विरोधी दलों के नेताओं से संपर्क साधने में जुटे हुए है। नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस अब तक कोई मुद्दा नहीं उठा पा रही है जबकि पार्टी को जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ रहा है। हांलाकि वह अब तक कुछ क्षेत्रीय नेताओं को ही अपने पाले में ला पायी जिससे नंदलाल की राह भी मुश्किल होती दिख रही है। मेयर प्रत्याशी नंदलाल के लिये पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलक राज बेहड़ एवं कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मीना शर्मा समेत कई बड़े नेताओं ने समर्थन मांगना शुरू कर दिया है। वहीं चुनावी रणनीति को देखो तो कांग्रेस अब तक भाजपा के बागी नेता कोली के साथ ही बागी सुनील आर्य को भी नहीं मना पायी है जो भाजपा के खिलाफ काफी अहम हथियार साबित हो सकते थे। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने अपने मेयर प्रत्याशी के लिये पूरी ताकत झोंक दी है। यहां भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने तूफानी प्रचार शुरू कर दिया है। सुबह से लेकर देर रात तक मोहल्लों में नेताओं ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। जबकि भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति भी तैयार कर ली है। एक तरफ जहां बागी कोली को चुनाव से बाहर करने में भाजपा कामयाब हो चुकी ै वहीं कई बड़े नेताओं को प्रचार के लिये तैयार किया गया है। वहीं कांग्रेस के पाले में सेधमारी कर भाजपा अब तक कई बड़े नेताओं को भी अपने पाले में शामिल करा चुकी है। कुलमिलाकर देखा जाये तो पिछले एक सप्ताह में चुनावी माहौल बनाने में भाजपा की रणनीति से कांग्रेस बेदम दिख रही है। इधर कोली ने अब खुलकर भाजपा के खिलाफ मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाने के साथ ही क्षेत्रीय संगठनों का साथ देने का ऐलान किया है। बहरहाल चुनावी घमासान चरम पर है और माना जा रहा है कि भाजपा सरकार में जिस प्रकार अतिक्रमण अभियान के बाद नजूल भूमिवासियों को उजाड़ने के फरमान आने से नगरवासियों में आक्रोश पनप रहा है। निकाय चुनाव के साथ ही आगामी लोकसभा के चुनाव में भी भाजपा के लिये यह मुद्दे परेशानी का सबब बन सकते है। हांलाकि भाजपा पूरी ताकत के साथ विरोधियों को भी साधने में कामयाब हो गई है और अपना वर्चस्व कायम रखने के लिये बड़े नेताओं को बुलाकर कार्यकर्ताओं में जोश भरना शुरू कर दिया है।

सात निगमों के महापौर पद के लिये 51महारथी मैदान में
39 पालिका चेयरमैन के लिये 279 और 226 प्रत्याशी 38 पंचायत अध्यक्ष के लिये भिडेंगे
देहरादून। निकाय चुनाव में नाम वापसी के बाद उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई। 652 प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद 4978 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं। इनमें महापौर के 51, नगर पालिका अध्यक्ष के 279 और नगर पंचायत अध्यक्ष के 226 प्रत्याशी शामिल हैं। पार्षद, सभासद-सदस्य के 34 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन भी तय हो गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार सात नगर निगमों में महापौर पदों पर 13 प्रत्याशियों के नाम वापस लिए जाने के बाद अब 51 प्रत्याशी मैदान में हैं। पार्षद पदों के लिए 197 प्रत्याशियों की नाम वापसी के पश्चात 1728 उम्मीदवार रह गए हैं। 39 नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष पदों के लिए 328 प्रत्याशियों के नामांकन वैध पाए गए थे, जिनमें से 49 ने नाम वापस ले लिए। अब 279 चेयरमैन पद के लिये ताल ठोक रे हें। नपा परिषदों में सभासद पदों पर 209 प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद 1797 उम्मीदवार मैदान में हैं। 38 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर 46 प्रत्याशियों की नाम वापसी के बाद 226 प्रत्याशी मैदान में हैं। सदस्य पदों पर 138 प्रत्याशियों की नाम वापसी के पश्चात 897 उम्मीदवार चुनाव मैदान में डटे हैं। आयोग के अनुसार नगर निगमों में पार्षद के तीन पदों पर एक-एक नामांकन होने के कारण इन पर निर्विरोध निर्वाचन तय है। इसी प्रकार नगर पालिकाओं में सभासद के 15 और नगर पंचायतों में सदस्य के 16 पदों पर उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय है। 18 नवंबर को होने वाले नगर निकाय चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों को 29 अक्टूबर को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। आयोग के मुताबिक चुनाव चिह्न आवंटन का कार्य सुबह 10 बजे से शुरू होगा।

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