अकेले लालचंद ने रोका ‘कांग्रेस का दंगा’
मानवेंद्र सिंह ने कमर खान को जड़ा थप्पड़,बदला लेन पहुंचे समर्थक,माफी मांगने पर हुए शांत टिकट बंटवारे से नाराज कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता आपस में भिड़े,बमुश्किल शांत हुआ मामला कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता से नाराज प्रमोद कुमार सिंह ने कहा इस्तीफा दे दूंगा
देहरादून। कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर आक्रोश की ज्वाला फूट रही। राजधनी दून स्थित कांग्रेस मुख्यालय में दो गुटो का का झगड़ा इतना बढ़ गया था कि एक दूसरे को खुलेआम गालीगलौच करते समर्थक कुछ बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे। इस दौरान अगर कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लाल चंद्र शर्मा वहां मौजूद नहीं होते तो वहां दंगा हो सकता था। विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस जब निकाय चुनावों से प्रतिष्ठा वापस पाने को छटपटा रही है तो कुछ कार्यकर्ताओं की नासमझी से पार्टी के भीतर जबरदस्त बवाल खड़ा हो गया। इस बवाल से कांग्रेस के कार्यकर्ता दो समुदायों में बंटने की स्थिति में आ गये। सोमवार को पार्टी दफ्तर में शुरू हुई तू-तू, मैं-मैं पहले तो हाथापाई तक पहुंची और बाद में दो समुदायों के बीच के भारी मारपीट की स्थिति में पहुंचते-पहुंचते रह गयी। बवाल दोपहर करीब एक बजे शुरू हुआ। राजेन्द्र शाह द्वारा कल टीवी चैनलों पर बयान दिया था कि ‘‘पूर्व विधायक या विधायक प्रत्याशी निकाय चुनाव में हस्तक्षेप न करें और अपनी हद में रहें।’ इसी बात को लेकर अनुशासन समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने आपत्ति जतायी। इसको लेकर दोनों में तू-तू, मैं-मैं शुरू हुई तो बात बढ़ने लगी। इसी बीच प्रमोद कुमार के समर्थक मानवेंद्र सिंह भी बोलने लगे, तो राजेन्द्र शाह के समर्थन में महानगर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ कमर खान बीच में कूद पड़े। इसी बीच मानवेंद्र सिंह ने कमर खान को थप्पड़ जड़ दिया। उसके बाद तो जैसे पूरा माहौल ही खराब हो गया। राजेन्द्र शाह जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि उत्तराखंड बनने के बाद भी हम बाहरी लोगों के हाथ मार खाएंगे। इस बीच कुछ लोगों ने मानवेंद्र सिंह को किसान प्रकोष्ठ के कार्यालय में भेज दिया, जहां प्रमोद कुमार सिंह व कुछ अन्य समर्थकों के साथ पहले से बैठे थे।इस दौरान कमर खान ने अपने समर्थकों को फोन करके 50 लड़के भेजने को कहा तो वहां बवाल जैसी स्थिति बन गयी। इस दौरान खूब गाली-गलौच के साथ एक दूसरे को चुनौतियां मिलती रही। करीब आधे घंटे बाद कमर खान के सैकड़ों समर्थक वहां पहुंच गये और थप्पड़ मारने वाले मानवेंद्र सिंह को ललकारने लगे। र्चचाएं तो यहां तक होने लगी थी कि ये लोग चाकू, छुरी के साथ पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे तक हंगामे के बीच दोनों पक्ष एक दूसरे को ललकारते रहे। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन हस्तक्षेप करने के बजाय मूकदर्शक बनी रही। इस दौरान कमर खान के समर्थक गाली-गलौच करते हुए मानवेंद्र सिंह को ललकारते रहे।अचानक पौने चार बजे के करीब सारे समर्थक उस कक्ष के बाहर पहुंच गये जहां प्रमोद कुमार सिंह मानवेंद्र सिंह कुछ अन्य लोगों के साथ बैठे हुए थे। उनका आक्रोश देखकर लग रहा था कि ये लोग जबरन कक्ष में घुसकर कुछ अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसी बीच कांग्रेसियों ने बीच में दीवार बनकर उन्हें रोके रखा। करीब 15 मिनट तक यह स्थिति बनी रही। किसी तरह समझा-बुझाकर उन्हें वहां से हटाया। शाम करीब पांच बजे कुछ कांग्रेसियों ने बातचीत करके दोनों पक्षों के बीच में बात करायी और मानवेंद्र सिंह को थप्पड़ मारने के लिए माफी मांगने को राजी किया। उसके बाद मामला कुछ शांत हुआ। महानगर अध्यक्ष की सूझबूझ से टला संघर्ष रू देहरादून। कांग्रेस भवन में सोमवार को खूनी संघर्ष जैसी स्थिति बनने-बनते रह गयी। वहां कोई बड़ा नेता नहीं होने की वजह से नाराज लोगों को समझाने बुझाने वाला भी कोई ऐसा नहीं था कि जिसकी बात लोग मान सकें। मामला कुछ ऐसे बदला कि धीरे-धीरे सामुदायिक रंग पकड़ने लगा। इस दौरान महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा दोनों पक्षों के पास जाकर उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे। पौने चार बजे जब कमर खान के समर्थन में आये लोग मानवेंद्र सिंह से बदला लेने की नीयत से जब उस कक्ष के सामने पहुंच गये तो स्थिति बहुत तनावपूर्ण हो गयी। इस दौरान महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा चट्टान की तरह दरवाजे पर खड़े हो गये। उन्होंने अपने साथ एक दो और लोगों को भी लिया। कमर समर्थक कक्ष के भीतर घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन शर्मा व कुछ अन्य लोग उन्हें रोकने और समझाने में कामयाब रहे। बाद में उन्हें वहां हटाया गया। लगातार आक्रोश जता रहे कमर समर्थकों को समझाने के लिए शर्मा ने कई बार उन्हें बगल में स्थित अपने घर में भी वार्ता की, जिससे अंतत दोनों पक्षों में समझौता हो सका। कांग्रेस भवन में सोमवार को हुए बवाल के बाद अनुशासन समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने इस विवाद में खुद के जुड़े होने की वजह से ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे अनुशासन समिति का अध्यक्ष बनाया था। यकायक एक ऐसा विवाद सामने आया, जिससे वे न चाहते हुए भी खुद जुड़ गये। ऐसे में उन्होंने पद छोड़ने का निर्णय लिया है। हालांकि उन्होंने इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को भी अवगत कराया है और प्रीतम ने उन्हें इस पर बात करने का आश्वासन दिया है। प्रमोद कुमार सिंह का यह भी कहना था कि प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शांतिपूर्वक चल रही थी। पर्यवेक्षकों के साथ ही पूर्व विधायकों, विधायक प्रत्याशियों, जिलाध्यक्षों से राय मशविरा करके ही सब तय हो रहा था, लेकिन कतिपय लोगों को पार्टी का यह तरीका पसंद नहीं आया और उन्होंने ऊलजुलूल बयानबाजी की। पार्टी में इस तरह की अनुशासनहीनता से वह दुखी है।