एनडी के अंतिम दर्शन..दिल्ली में लगा वरिष्ठ नेताओं का तांता,अंत्येष्टी 21 को हल्द्वानी में
कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी,सोनिया गांधी,पूर्व पीएम मनमोहन सिंह समेत सीएम त्रिवेंद्र, निशंक, कोश्यारी,बहुगुणा अजय भट्ट समेत कई भाजपाई भी पहुंचे
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के वयोवृद्ध नेता पंडित नारायण दत्त तिवारी के निधन से देशभर में शोक की लहर व्याप्त है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके पंडित तिवारी के निधन पर राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। दिल्ली के तिलक लेन स्थित उनके आवास पर शुक्रवार को उनके पार्थिव शहीर के अंतिम दर्शन के लिये विभिनन राज्यों से पहुंचे दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। तिवारी के अंतिम दर्शन के लिये कई वरिष्ठ भापा नेताओं के साथ ही पूर्व मुखयमंत्रियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। यहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तिवारी को उनके घर जाकर श्रद्धांजिल दी। इससे पहले गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी दिल्ली पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन किंये और पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धाजलि दी। पूर्व सीएम कोश्यारी, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक दिल्ली पहुंचेे हैं। उनके साथ प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट भी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी तिवारी के आवास पर पहुंचें हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का शव शनिवार शाम बजे पंत नगर ले जाया जाएगा। वहां से उनका पार्थिव शरीर हलद्वानी लाया जाएगा जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।अंतिम दर्शन संपन्न होने के बाद हलद्वानी के चित्रशील घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शनिवार को उनका शव लखनऊ ले जाया जाएगा जहां विधानसभा में उनके पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए रखा जाएगा।उत्तराखंड के विकास पुरुष नारायण दत्त तिवारी ने गुरुवार को दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। एनडी के निधन से राजनीति पार्टियों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन के बाद तमाम राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है। निधन से करीब दो घंटे पहले उनके बेटे रोहित तिवारी ने अस्पताल में ही पिता का जन्मदिन मनाया था। इस मौके पर उन्होंने तिवारी को केक भी खिलाया। डाक्टरों के मुताबिक, दोपहर बाद 2-50 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी को ब्रेन स्ट्रोक आने के कारण 29 सितंबर 2017 से दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। पिछले छह महीने से उनकी हालत काफी नाजुक थी। इस दौरान कई बार उनके निधन की खबरें भी आईं। लेकिन गुरुवार को अपने 92वां जन्मदिन के मौके पर उन्होंने आखिरी सांस ली। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और उनके निधन को राजनीतिक जगत की बड़ी क्षति बताया। पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के निधन पर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है। पूर्व सीएम के सम्मान में 18 अक्तूबर से अगले तीन दिन तक राजधानी और जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। कोई भी शासकीय मनोरंजन के कार्यक्रम नहीं होंगे। जो कार्यक्रम पहले से तय हैं, उन्हें रद्द घोषित किया जाएगा। तिवारी तीन बार जनवरी 1976 से अप्रैल 1977, अगस्त 1984 से सितंबर 1985 और जून 1988 से दिसंबर 1989 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। साल 2002-07 तक उत्तराखंड के भी तीसरे मुख्यमंत्री रहे। इससे पहले 1980 में 7वीं लोकसभा के लिए वह निर्वाचित हुए थे और केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम किया। 1985-1988 तक वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे। 1990 के दशक में एक समय उन्हें प्रधानमंत्री का दावेदार माना जा रहा था लेकिन पीवी नरसिम्हा राव को यह पद मिला। पीएम की कुर्सी न मिलने का एक कारण यह भी था कि वह महज 800 वोटों से लोकसभा का चुनाव हार गए थे। एनडी तिवारी का अंतिम संस्कार हल्द्वानी के चित्रशिला घाट पर 21 अक्टूबर को किया जाएगा। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को हल्द्वानी में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।