पर्वतीय किसानों की आय 5 गुना हो, तभी रुकेगा पलायनःडॉ- प्रताप
पंतनगर। उत्तराखंड की खेती लाभप्रद नहीं होने और किसानों की आय बेहद कम होने के कारण पर्वतीय क्षेत्रें से हो रहा पलायन तभी रुक सकता है जब वहां के किसानों की आय दो गुनी के स्थान पर पांच गुनी करने के उपाय किए जाएं। यह सुझाव पंतनगर विवि में कार्यभार ग्रहण करने के बाद नवनियुत्तफ़ कुलपति डॉ- तेज प्रताप ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान दिया। डॉ- प्रताप ने कहा कि वह हिमांचल और कश्मीर की तर्ज पर उत्तराऽंड की ऽेती को भी सरसब्ज करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की पाने के लिए शासन, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के साथ एक समन्वित कार्यक्रम बनाना होगा तथा साथ ही पर्वतीय निवासियों के बीच सामाजिक सुरक्षा एवं विकास की भावना लानी होगी। कहा कि पलायन एक सामाजिक परिस्थितियों से अधिक जुड़ा है। अगर किसान आय बढ़ोत्तरी के प्रति आश्वस्त हो जाएं तो पलायन तो रुकेगी ही, साथ ही पहले से बाहर गए लोग भी वापसी कर सकते हैं। डॉ- प्रताप ने कहा कि पहाड़ों से हो रहे पलायन में सरकारें भी दोषी हैं। इस परिप्रेक्ष्य में हिमांचल की ऽेती का जिक्र करते हुए उन्होने बताया कि वहां के किसान मोटे अनाज के बजाए फल फूल और सब्जी की ऽेती कर अच्छी आय ले रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा 10-15 किलोमीटर पर उन्हें बाजार उपलब्ध करा रही है। पंतनगर विवि का मुख्य फोकस इसी लक्ष्य को ध्यान में रऽते हुए निर्धारित किया जाएगा। किसानों की बढ़ती पर कहा कि ऽेती में लागत और मूल्य के भारी अंतर से ये समस्या पनप रही है। सरकार कृषि उत्पादों का मूल्य तो कम करेगी ही, बेहतर ये हो कि कृषि उत्पादों की लागत कम की जाए और सशत्तफ़ बाजार उपलब्ध कराया जाए। साथ ही उन्होंने कृषि तकनीकों को कारगर रूप से ऽेतों तक पहुंचाने की भी जरूरत बताई। कुलपति डॉ- तेज प्रताप ने कहा कि उनका लक्ष्य तीन वर्ष के कार्यकाल में ही पंतनगर विवि का ऽोया हुआ गौरव वापस दिलाने का है। कहा कि वर्तमान में ब्रिक्स देशों की रैंकिंग में पंतनगर विवि 137 वें तथा देश की रैंकिंग में 32 वें पायदान पर पहुंच चुका है, जिसे ब्रिक्स रैंकिंग में 37 तथा देश के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में टॉप 5 के अंदर लाना है। बताया कि किसानों से जुड़े किसान विकास केंद्रों की संख्या बढ़ाकर उन्हें पहाड़ के सुदूरवर्ती क्षेत्रें में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यत्तफ़ किया कि वह हर हाल में तीन साल के अंदर निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर भ्रमण एवं आकलन के जरिये पूरे विवि की कार्यशैली को समझने के बाद अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाएंगे। कृषि विकास में मीडिया का बताया अहम रोलः नव नियुत्तफ़ कुलपति ने कहा कि विवि को आगे बढ़ाने तथा पर्वतीय किसानों की आय बढ़ाने में मीडिया की अहम भूमिका है। डॉ- प्रताप ने कहा कि वैज्ञानिकों का दायरा सीमित है। उनकी तकनीकों को ऽेतों तक पहुंचाने में मीडिया आधारभूत योगदान दे सकता है। बताया कि 13 वर्षों के उनके चार विश्वविद्यालयों में पांच बार कुलपति रहने के दौरान उनका व्यत्तिफ़गत अनुभव है कि बगैर मीडिया के ऽेती से जुड़ी आय को बढ़ाने का लक्ष्य नहीं पाया जा सकता है। अधिकारी की दऽलअंदाजी से प्रेसवार्ता हुई बाधितः पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान विवि के अपर निदेशक प्रशासन द्वारा बीच में दऽलअंदाजी करने के चलते कुलपति को बीच में ही प्रेस वार्ता रोकनी पड़ी। बातचीत के दौरान कुलपति विस्तृत रूप से पत्रकारों के सवालों का जवाब पूरी रुचि के साथ दे रहे थे। कुछ ही समय बीता कि अपर निदेशक प्रशासन डॉ अजीत कर्नाटक द्वारा निदेशक एवं अधिष्ठाताओं के साथ होने वाली बैठक का हवाला देते हुए प्रेस वार्ता ऽत्म करने को कहा। इस पर कुलपति आगे कभी विस्तार से वार्ता करने की बात कहते हुए अपनी बात अधूरी छोड़कर चले गए। इस वाकिये से अधिकारियों द्वारा पूर्व की भांति ही नव नियुत्तफ़ कुलपति को भी अपने प्रभाव में लेने की अटकलें लगने लगी हैं।
विवि की समस्याओं से होंगे रूबरूः पत्रकारों द्वारा विवि के छात्रवासों, आवासों, सड़कों एवं सुरक्षा आदि से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराने पर डॉ- प्रताप ने कहा कि वह एक माह के भीतर गहन भ्रमण एवं आकलन करने के बाद चरणबद्ध रूप में स्थितियों को दुरूस्त करने का अभियान शुरू करेंगे। ऐसा विवि की रैंकिंग बढ़ाने के लिए भी जरूरी है। समस्याओं के बारे में शासन को भी अवगत कराया जाएगा। शासन की मदद से विवि को उत्कृष्ट एवं सुविधा संपन्न बनाए जाने के बेहतर प्रयास किए जाएंगे।