निलंबित आईएएस पंकज पांडे की गिरफ्तारी जल्द,मुकदमे की मिली अनुमति
रूद्रपुर। एनएच 74 भूमि घोटाले में निलंबित आईएएस पंकज पांडे के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिये हैं। शासन के निर्देश के बाद ही मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम हरकत में आ गयी है। गौरतलब है कि एनएच 74 भूमि घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। इस करोड़ों के भूमि घोटाले की आंच में कई अधिकारी और किसान आये थे तथा इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी। जैसे जैसे यह जांच आगे बढ़ती गयी वैसे वैसे मामले का खुलासा होता गया और करोड़ों के इस भूमि घोटाले की आंच में आईएएस अधिकारी पंकज पांडे और चन्द्रेश यादव तक के दामन तक जा पहुंची जो भूमि घोटाले के दौरान उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी थे और बतौर आर्बिट्रेटर इस भूमि मामले सम्बन्धी कुछ मुआवजे के फैसले उन्हीं के आदेश पर हुए थे। करोड़ों के भूमि घोटाले की जद में जब दो आईएएस अधिकारी आये तो पूरे उत्तराखंड में हड़कम्प मच गया। कई महीनों तक इस मामले की जांच एसआईटी ने की थी और एक के बाद एक इस भूमि घोटाले के सबूत शासन के समक्ष प्रस्तुत किये थे। शासन ने सबूतों का गहनता से अध्ययन किया और अब इस भूमि घोटाले में लिप्त आईएएस अधिकारी पंकज पांडे के खिलाफ अभियोजन दर्ज करने की स्वीकृति दे दी है जिससे आने वाले दिनों में आईएएस पांडे की मुश्किलें अैर बढ़ सकती हैं। फिलहाल उन्होंने न्यायालय से 30अक्टूबर तक का स्टे ले रखा है। ऐसे में शासन के आदेश के बाद उन पर मुकदमा दर्ज होना लगभग तय माना जा रहा है।गौर हो कि आईएएस पंकज पांडे द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट में गिरफ्रतारी से बचने दाखिल की गई थी।जबकि हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत के लिये अपील करने के नये दिशा निर्देश दिये थे और बाद में उन्हें 30 अक्टूबर तक राहत दे दी थी। हांलाकि एनएच 74 घोटाले से जुड़े इस मामले की सुनवाई भ्रष्ट्राचार निवारण की जिला कोर्ट में चल रही है। उल्लेखनीय है कि एनएच मुआवजा घोटाला उत्तराऽंड का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है। अब तक 545 दिन की जांच में एसआइटी 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि कर 22 लोगों को जेल भेज चुकी है। माना जा रहा है कि कई और किसान जहां जेल जा सकते हैं, वहीं घोटाला भी 300 करोड़ तक पहुंच सकता है। एनएच मुआवजा घोटाले में केस दर्ज होने के बाद 15 मार्च 2017 को घोटाले की जांच को एसआइटी का गठन किया गया था। जांच के दौरान एसआइटी ने सात नवंबर को निलंबित पीसीएस भगत सिंह फोनिया समेत आठ अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्रतार कर चुकी है। जबकि पिछले जिले में तैनात रह चुके दो वरिष्ठ आईएएस (जिलाधिकारी) पंकज कुमार पांडे और चंद्रेश यादव को सरकार ने निलंबित कर दिया था।