अब संत गोपालदास ने जल छोड़ा,मोदी को खून से लिखी चिट्टी भेजी
उत्तराखंड में गंगा की अविरलता के लिये एक और संत की चेतावनी से मचा हड़कंप
हरिद्वार। गंगा की अविरलता और प्रशासन द्वारा जबरन उठाने के साथ ही एम्स के डाक्टरों से नाराज हरिद्वार के मातृसदन में आज स्वामी गोपालदास ने पीएम नरेंद्र मोदी को खून से लिखी चिट्ठी भेजी है। वहीं संत ने मांग पूरी होने तक जल छोड़ने का ऐलान कर दिया है। स्वामी सानंद की मौत के बाद अब गोपालदास की इस चेतावनी ने प्रदेश में एक बार फिर हड़कंप मच गया है।जानकारी के अनुसार आज दोपहर मातृसदन में अनशनरत संत गोपाल दास ने एसडीएम हर गिरी को एक पत्र सौपा जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा है कि देश के प्रधान सेवक, चौकीदार, पहरेदार हम जैसे साधारण लोगों और सन्यासियों को नीति आयोग के तरीके से जीवन जीना पड़ेगा। लोकतंत्र में लोक हितों की बाते कोई सुनने वाला नहीं दिख रहा। प्रजातंत्र में सबकी संवेदना को समझना होगा। जनता ने आपको पीएम के पद पर आसीन किया है ऐसे में आम जनमानस की भावना के अनुरूप आपकी जिम्मेदारी है कि संत समाज की आवाज को सुनकर देश हित में गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिये शीघ्र कानून बनाये। संत गोपाल दास ने कहा कि यह अनशन और तपस्या स्व- स्वामी सानंद की तरह तब तक जारी रहेगी जब तक स्वयं पीएम मोदी की ओर से ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता। इधर एसडीएम ने सत गोपालदास की चिट्ठी मिलने की पुष्टि की है साथ पत्र को पीएमओ के लिये प्रेषित करने की बात भी कही। इससे पूर्व गत दिसव संत गोपालदास को एम्स से छुट्टी दे दी गई। एम्स से मातृसदन पहुंचने पर पत्रकारों से वार्ता में संत गोपाल दास ने कहा कि गंगा की अविरलता के लिए सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर किये जा रहे आमरण अनशन के अनुभवों को बताते हुए कहा कि वह अपने को भगत सिंह मानते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शहीद भगत सिंह ने अपना सर्वस्व भारत माता की आजादी के लिए न्योछावर कर दिया था, वह भी मां गंगा की अविरलता के लिए अपना सर्वस्व गंगा जी को दान कर दिया है। उन्होंने कहा कि चेहरे बदल गए हैं लेकिन राज अंग्रेजों जैसा ही है, उससे भी बुरा हो गया है। तब कानून व्यवस्था को माना जाता था, अब नैतिकता समाप्त हो गई है। उन्होंने चारोधाम में तपस्या का पण्रलिया था, भगवान के चरणों में अनशन शुरू किया था जिसके बाद उन्हें पुलिस द्वारा उठा कर जोशीमठ भेज दिया गया। उसके बाद चमोली, श्रीनगर और फिर एम्स में ऋषिकेश भेज दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें एम्स में संक्रमित लोगों के वार्ड में रखा गया। जहां उन्हें काला पीलिया हो गया, वायरल हो गया, जब वह लगातार अनशन पर हैं तो भी बार-बार उनके हाथों में सुइयां चुभोकर जांच की जाती रही। वहीं स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाया कि एम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें मातृसदन के खिलाफ बयान देने को मजबूर किया। प्रेसवार्ता में मौजूद स्वामी शिवानंद ने संत गोपालदास के बयान को आधार बनाते हुए कहा कि इससे यह साबित होता है कि स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की हत्या में एम्स का हाथ है। एक प्रश्न पर स्वामी शिवानंद ने बताया कि गोपाल दास ने अपना सबकुछ मातृसदन को दान किया है और आज वह प्रशासन की मौजूदगी में मातृसदन में आ गये हैं। इससे पहले भी वह लगातार अनशनरत रहे है। उन्होंने बताया कि गोपालदास बुधवार से संधारा की प्रकिया में जा रहे हैं।