पर्वतीय खेती को निगलने वाले कुरमुला कीट से मिलेगी निजात
-असलम कोहरा-
पंतनगर। वन्य पशुओं के अलावा पर्वतीय ऽेती को घातक रूप में भारी हानि पहुंचाने वाले कुरमुला कीट से अब जल्द निजात मिल सकेगी। न केवल निजात बल्कि ऽेती के लाभप्रद होने के चलते ऽेती किसानी से पलायन रोकने की कवायद को भी पंऽ लग सकेंगे। पंत विवि के कीट वैज्ञानिकों ने इस कीट से फसलों को बचाने के विषय पर गहन शोध के बाद ऐसे नायाब उपाय सुझाए हैं जोकि पर्वतीय ऽेती के बरसों पुराने दुश्मन कुरमुला कीट से फसल को मुत्तिफ़ दिलाने में कारगर साबित हुए हैं। कुरमुला कीट के सफाए के लिए 30 बरसों से शोध कार्य कर रहे वैज्ञानिक डॉ- एमपी सिंह ने बताया कि इस कीट का प्रकोप पर्वतीय ऽेती के असिंचित क्षेत्रें में उगाई जाने वाली धान, मंडुआ, सेायाबीन, मिर्च, आलू और अदरक आदि फसलों में अधिक होता है। बताया कि मैदानी क्षेत्रें की बलुई मिट्टðी में भी इस कीट के पनपने के आसार रहते हैं। कीट का प्रकोप इतना अधिक होता है कि 40 से 60 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो जाती है और किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। पर्वतीय ऽेती को चौपट कर देने वाले इस कीट के नियंत्रण और बचाव के लिए तकनीकों की ऽोज एक लंबे समय से चल रही थी। पंतनगर विवि के वैज्ञानिकों को इसमें मिली सफलता ने पर्वतीय ऽेती को सरसब्ज बनाए रऽने के मार्ग में आशा की नई किरण जगा दी है। 70 प्रजातियों की फौज है इस कीट की: कुरमुला कीट अपनी प्रजातियों के एक बड़े परिवार का मालिक है। अब तक किए गए शोध में इसकी तकरीबन 70 प्रजातियां ऽेजी जा चुकी हैं। इनमें से होलोर्टिकिया लांगीपेनिस, एनोमेला डिमिडियेटा, होलोट्रिकिया सेटिकोलिस, एनोमेला लेनिटोपेनिस, जाइलोट्रोप्स जिडियान आदि प्रमुऽ प्रजातियां हैं। फसल को ऐसे पहुंचता है नुकसानः कुरमुला कीट बेहद शातिर कीट है। इसका वयस्क यानि भौंरा मई-जून के महीने बरसात होने पर रात के समय मिट्टðी से निकल कर सेब, नाशपाती, अऽरोट, किलमोड़ा आदि फसलों की पत्तियों को चट कर जाता है। नतीजतन कम आयु में ही पौध मर जाता है। यह कीट समागम भी पौधों पर करता है, जिसके बाद मादा सुबह के समय मिट्टðी में 20 से 50 तक अंडे देती है। 240 दिन बाद अंडों से जो बच्चे निकलते हैं वो ऽेत में पड़ी कच्ची गोबर की ऽाद में पनपते हैं और पौधों की जड़ों को ऽा जाते हैं। ये तकनीकें हैं नियंत्रण में कारगरः शोधकर्ता एम पी सिंह के मुताबिक इस कीट के नियंत्रण या सफाए के लिए बहुआयामी प्रयास करने होंगे जो समेकित कीटी प्रबंधन के रूप में कारगर होता है। बताया कि परती पड़े ऽेतों की मार्च-अप्रेल में जुताई करने पर मिट्टðी के नीचे छिपे ये कीट एवं इनके प्यूपा ऊपर आ जाते हैं और जिन्हें मित्र पक्षी ऽाकर नष्ट कर देते हैं। ये कीट पिरूल मिले हुए कच्चे गोबर में ऽूब पनपते हैं। कच्चे गोबर के स्थान पर गोबर की सड़ी ऽाद ही डालने का सुझाव डॉ सिंह ने दिया है। वयस्क कुरमुला प्रकाश पर आकर्षित होते हैं। विवि के एक अन्य वैज्ञानिक द्वारा ईजाद किया गया प्रकाश प्रपंच नामक यंत्र इन कीटों को पकड़ कर नष्ट कर देता है। पोषक पौधों पर सामुदायिक रूप से वयस्क कीटों को पकड़ कर भी नष्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही जैव नियंत्रकों एवं रसायनों के छिड़काव से भी इस कीट से छुटकारा पाया जा सकता है। प्रिडेटर भी है इसका दुश्मनः कुरमुला कीट से निजात दिलाने में उपरोत्तफ़ उपायों के साथ ही किसानों का मित्र कीट आटोक्रेटस एनियस भी कुरमुला के सफाए में किसानों की मदद करता है। यह प्रीडेटर कीट कुरमुला का शिकार कर उसे ऽा जाता है। इसलिए किसान इस कीट की पहचान कर उन्हें अपने ऽेतों में अधिक संख्या में पाल कर कुरमुला से निजात पा सकते हैं।