नजूल भूमि: हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील, फैसला आज
रूद्रपुर,9 अक्टूबर। नजूल भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। आज शाम तक इस मामले में बड़ा फैसला आने की उम्मीद है। उच्च न्यायालय द्वारा नजूल भूमि को खाली कराये जाने के आदेश के खिलाफ पूर्व सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बलराज पासी ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी है और उम्मीद जताई है कि नजूल भूमि पर बसे हजारों परिवारों को उजड़ने से बचाये जाने हेतु सुप्रीम कोर्ट से पूरा न्याय मिलगा। यहां बता दे कि उच्च न्यायालय द्वारा नजूल भूमि पर बसे लोगों को हटाये जाने के दिये आदेश के खिलापफ श्री पासी ने 4-5 दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालते हुये हजारों परिवारों को न्याय दिये जाने की गुहार लगाई थी। बताया जाता है कि इस याचिका पर माननीय न्यायाध्ीश द्वारा सुनवाई कर ली गई है और आज इस पर अपना निर्णय दे सकते है। विदित हो कि उत्तराखण्ड के देहरादून, हरिद्वार,नैनीताल और ऊध्मसिंहनगर जिलो में सैकड़ों एकड़ नजूल भूमि है। जिस पर कई दशकों से निवास कर रहे है। ऊध्मसिंहनगर का मुख्यालय रूद्रपुर का लगभग 78 प्रतिशत भाग नजूल भूमि पर बसा हुआ है। जिस पर 30-40 वर्षो से हजारों लोग निवास करते है। नजूल भूमि पर बसे लोगों को हटाये जाने को लेकर भदईपुरा निवासी सेवा राम द्वारा एक याचिका डाली गई थी। उच्च न्यायालय ने इस पर सख्त रूख अपनाते हुये नजूल भूमि को खाली कराये जाने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया। उच्च न्यायालय के सख्त रवैय्ये से लाचार प्रशासन ने नजूल पर बसे लोगों की लिस्टिंग कर उन्हे नोटिस दिये जाने का काम शुरू कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से नजूल भूमि पर बसे लोगों की नींदे उड़ गई। उन्हे अपने आशियाने उजड़ने का डर सताने लगा। सरकार की बेरूखी के खिलापफ विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के लोग भी अलग -अलग लामबंद होने लगे। अपने आशियाने बचाने को लेकर ध्रना प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया। लेकिन सरकार हाथ पर हाथ ध्रे बैठी रही। नजूल भूमि पर बसे हजारों परिवारों को बचाने के लिये जनप्रतिनिध् िकेवल बयानबाजी करते रहे लेकिन भाजपा सरकार ने नजूल भूमि पर बसे लोगों को बचाने के लिये कोई कदम नही उठाया। अपने आशियाने बचाने को नजूल भूमि पर बसे लोग एकजुट हये और उन्होंने बस्ती बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया और गत 1 अक्टूबर को बस्ती बचाओ संघर्ष समिति ने एक विशाल सभा आयोजित कर नजूल भूमि पर बसे लोगों को मालिकाना हक दिये जाने की मांग की। सभा में हजारों लोगों ने पहुंच अपनी ताकत का भी एहसास कराया। सभा में पहुंचे पूर्व सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता बलराज पासी ने इस मांग को गंभीरता से लिया और नजूल भूमि पर बसे लोगों को बचाने के लिये उच्च न्यायालय के आदेश के खिलापफ पैरवी करने के लिये सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये। 4-5 दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और आज इस पर निर्णय के आने की भी उम्मीद हैं श्री पासी ने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हे राहत मिलेगी और नजूल भूमि पर बसे लोगों को उजड़ने से बचाया जा सकेगा।