केदारनाथ विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक आशा नौटियाल को दिलाई शपथ
देहरादून (उद संवाददाता)। केदारनाथ विधानसभा से नवनिर्वाचित नवनिर्वाचित विधायक श्रीमती आशा नौटियाल को विधानसभा अध्यक्ष रितु खण्डूडी ने विधिवत शपथ ग्रहण कराई। इस दौरान उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट सहित तमाम लोगों ने शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की यह विजय सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए डबल इंजन सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों को समर्पित है। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में विश्वविख्यात श्री केदारनाथ धाम और समूचे क्षेत्र में हुए समग्र विकास पर जनता ने अपनी मुहर लगाई है। केदारनाथ की जनता ने आशा नौटियाल और भाजपा पर जो विश्वास और अपेक्षाएं जताई हैं, हम उन पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेंगे। श्री धामी ने कहा कि विकास कार्यां को और तेज गति प्रदान की जायेगी। धामी ने कहा कि चुनाव से पहले जो घोषणाएं की है जो भी वायदे किये है। उन्हें पूरा करेंगे। यह जीत सनातन की जीत है, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास कार्यो की जीत है। यह हार उनकी हार है जिन्होंने इस चुनाव में क्षेत्रवाद जातिवाद फैलाने का काम किया। झूठ और भ्रम की राजनीति की। यह उनके मुंह पर करारा तमाचा है।हम केदारनाथ सहित पूरे उत्तराखण्ड को आगे बढ़ाने के लिए पूरी शिद्दत से काम करेंगे। श्री धामी ने कहा कि चारों धामों में शीतकालीन प्रवास के लिए योजना बना दी है, उसको तेजी से आगे बढ़ायेंगे। अभी तक यात्रा चार माह या छह माह की होती थी आने वाले समय में यह पूरे 12 माह जारी रहे इसके लिए प्रयास शुरू हो गये हैं। शीतकालीन प्रवास के दौरान यात्रियों को कोई असुविधा न हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे। बाबा केदार की कृपा से यात्रा 12 मास की होगी। उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद को लेकर सीएम धामी ने मामले में जिलाधिकारी को पुनः परीक्षण के निर्देश दिये हैं, जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। एक सवाल के जवाब में सीएम धामी ने कहा कि नये भू कानून को लेकर विशेषज्ञों और बुद्धिजीवियों से सलाह ली जा रही है। पहले से से जो भू कानून बना था उसका भी कई जगह उल्लंघन हुआ है, कई मामले ऐसे आये हैं जिसमें जिस प्रयोजन के लिए भूमि ली गयी थी, उसके लिए जमीन का प्रयोग नहीं किया गया। उन पर कार्यवाही की जा रही है। यह कार्यवाही उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बचाने के लिए की जा रही है।