उत्तराखंड के 13वें नवनियुक्त डीजीपी दीपम सेठ ने संभाली उत्तराखंड पुलिस की कमान

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नए डीजीपी ने गिनाई अपनी प्राथमिकताएं : महिला अपराधों को रोकना, बच्चों की सुरक्षा और साइबर अपराधों को रोकना सबसे बड़ी चुनौती
देहरादून(उद संवाददाता) । कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार के स्थान पर आईपीएस दीपम सेठ उत्तराखंड के 13वें डीजीपी बन गए हैं। गृह विभाग की ओर से आदेश जारी होने के साथ ही उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।पुलिस मुख्यालय पहुंचकर 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ ने कार्यभार संभाल लिया। इस मौके पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं भी गिनवाई। उत्तराखंड में नए डीजीपी के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ ने कार्यभार संभाल लिया है। पद संभालने के बाद उन्होंने उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताएं गिनाई। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता में उत्तराखंड में अपराध को कम करना, ड्रग फ्री अभियान में तेजी लाना और सीमा पर तैनात जवानों के परिवारों की सुरक्षा सबसे ज्यादा अहम होगी। डीजीपी ने कहा कि वो उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों का कानून पर बना रहे ये उनकी प्राथमिकता रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिला अपराधों को रोकना, बच्चों की सुरक्षा और साइबर अपराधों को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है।डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि उनका पोकस आम लोगों की समस्याओं के निस्तारण पर रहेगा। इसके साथ ही उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों की यात्रा पर आने वाले और पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर प्लान बनाया जाएगा और यातायात व्यवस्था को लेकर भी बेहतर व्यवस्था बनाई जाएगी। एडीजी दीपम सेठ ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर सोमवार को मूल कैडर ज्वाइन किया। ज्वाइन करते ही उन्हें पुलिस के 13वें मुखिया की जिम्मेदारी भी दी गई। दीपम सेठ 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। और वर्ष 2019 से केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर थे। अभी उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी नहीं हुई थी कि शासन ने उन्हें वापस बुलाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। पत्र के एक दिन बाद ही केंद्र ने उन्हें रिलीव भी कर दिया। बता दें कि एडीजी दीपम सेठ उत्तराखंड कैडर के वर्तमान में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। पिछले साल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद सेठ के वापस आने की चर्चाएं हुई थीं। सरकार ने उनका नाम भी डीजीपी के पैनल में शामिल करते हुए यूपीएससी को भेजा था। लेकिन, वह प्रतिनियुक्ति से वापस नहीं आए थे। ऐसे में सभी जरूरी अर्हताएं पूरी करने वाले अधिकारियों में एडीजी अभिनव कुमार का नंबर आ गया था। उन्होंने पिछले साल 30 नवंबर की शाम को प्रदेश के 12वें डीजीपी ;कार्यवाहक के रूप में पुलिस की कमान संभाली थी। लेकिन, पिछले दिनों फिर से डीजीपी के चयन के लिए एक पैनल यूपीएससी भेजा गया। मगर, इस पैनल में अभिनव कुमार का नाम शामिल नहीं था। यूपी की तर्ज पर डीजीपी का करने की सिफारिश पिछले दिनों कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने गृह सचिव को पत्र लिखकर यहां डीजीपी का चयन यूपी की तर्ज पर करने की सिफारिश की थी। उन्होंने मौजूदा उत्तराखंड पुलिस एक्ट के नियमों का हवाला भी दिया था। इसमें दो साल के लिए शासन की समिति ही डीजीपी का चयन कर सकती है। लेकिन, अब एकाएक गृह विभाग की ओर से केंद्र सरकार को शुक्रवार को पत्र लिखकर आईपीएस दीपम सेठ को वापस भेजने की मांग की थी। इस मांग को केंद्र सरकार ने भी अगले ही दिन स्वीकृत कर लिया और सेठ को शनिवार को रिलीव कर दिया गया। एडीजी दीपम सेठ आज दून आकर अपना मूल कैडर ज्वाइन करेंगे। इस संबंध में शासन स्तर पर सारी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली हैं।
व्यक्तिगत और शैक्षिक पृष्ठभूमि
श्री दीपम सेठ का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ। उन्होंने सीनियर सेकेंडरी की शिक्षा शेरवुड कॉलेज, नैनीताल से प्राप्त की। इसके पश्चात उन्होंने BITS पिलानी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।पुलिस महानिदेशक, महोदय द्वारा 1995 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रवेश किया। उनके अध्ययन के प्रति समर्पण ने उन्हें 1997 में ओस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री और 2022 में आईआईटी रुड़की से पीएचडी प्राप्त करने की प्रेरणा दी। उनकी पीएचडी थीसिस का विषय था: “Impact of Strategic Planning and Communication on Team Effectiveness – A Study of Policing of Mega Events”*कैरियर में प्रमुख नियुक्तियां*पुलिस महानिदेशक, महोदय ने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर उत्कृष्टता के साथ कार्य किया है। इनमें शामिल हैं:पुलिस अधीक्षक: टिहरी गढ़वाल और ज्योतिबा फुले नगर।सेनानायक, पीएसी: 41वीं वाहिनी पीएसी, मेरठ।संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, कोसोवो: जहां उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्य किया।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नैनीताल।पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी): गढ़वाल परिक्षेत्र, क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर, पीएसी, प्रशिक्षण।पुलिस महानिरीक्षक (आईजी): लॉ एंड ऑर्डर, स्पेशल टास्क फोर्स, पुलिस मुख्यालय, पी एंड एमITBP में IG, North West Frontier,Ladakh, IG (Personnel, Establishment & Vigilance), ITBP Dte Genl, New Delhiअपर पुलिस महानिदेशक (ADG) एस०एस०बी० (SSB)*प्रमुख उपलब्धियां और सम्मान*पुलिस महानिदेशक, महोदय को उनके कार्यकाल के दौरान कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें शामिल हैं:1996 में Shri Bhubananda Misra Memorial Trophy (SVPNA) और Esprit de Corps Medal।2004 में कोसोवो में सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक।2011 में सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक और 2021 में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक।ITBP में नियुक्ति के दौरान DG’s Insignia & Commendation Roll: 2020 और 2021 में सिल्वर और गोल्ड से सम्मान।2021 लद्दाख में सेवा के दौरान High Altitude Medal, Police Special Duty Medal और ऑपरेशन स्नो लियोपर्ड हेतु Union Home Minister’s Special Operations Medal

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