दिल्ली के लिए बढ़ायें रोडवेज बसों की संख्या: 180 बीएस-6 सीएनजी बसें दिल्ली मार्ग पर हो रही संचालित
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव परिवहन को 175 बसों की खरीद के प्रस्ताव पर शीघ्र वार्ता करने के निर्देश
देहरादून(उद संवाददाता)। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गत दिववस सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। जिसमें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की पुराने मॉडल की डीजल बसों पर दिल्ली में लगे प्रतिबन्ध से आमजन की असुविधाओं के तत्काल समाधान को लेकर मुख्य सचिव ने यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाने, विशेषकर वीकेंड पर बसों की Úीक्वेंसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए यूपी से भी समन्वय हेतु निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिव परिवहन को 175 बसों के खरीद के प्रस्ताव के निर्णय पर उचित स्तर पर आज ही वार्ता हेतु निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने निर्देश दिए हैं कि जिन 100 सीएनजी बसों की खरीद की टेण्डर प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं तथा 30 बसें प्राप्त हो चुकी हैं, उनका संचालन शीघ्र शुरू किया जाए। उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने ग्रेप-4 पॉलिसी के चलते बीएस-3 और बीएस-4 बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाए हैं। वर्तमान में निगम के पास 180 बीएस-6 सीएनजी बसें हैं, जिन्हें दिल्ली मार्ग पर संचालित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 12 वोल्वो बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं और उनकी री-शेडलिंग कर यात्रियों को सेवाएं दी जा रही है। आमजन को राहत देने को लेकर मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को यूटीसी की बसों का संचालन गाजियाबाद में मोहन नगर के साथ ही कौशाम्बी तक करने के लिए उत्तर प्रदेश से बात करने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरा करने वाली बसें सीधा दिल्ली में प्रवेश करेंगी। सामान्य बसें दिल्ली सीमा मोहन नगर व कौशाम्बी तक जा सकेंगी। बैठक में उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने जानकारी दी कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण पुराने मॉडल की डीजल बसों पर लगी रोक से पहले रोडवेज की दिल्ली रूट पर 504 बस सेवाएं प्रतिदिन संचालित होती थी , लेकिन अभी प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरे करने वाली 310 बसें संचालित हो रही हैं। 194 बसें प्रतिबन्धित की गई हैं। प्रतिबन्ध से पूर्व रोडवेज की बसों का लोड फैक्टर लगभग 40 प्रतिशत था जो अभी बस सेवाओं की Úीक्वेंसी बढ़ने से लोड फैक्टर 90 से 100 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की विशेष असुविधा नहीं हो रही है। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में भ्रामक सूचनाओं को स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री बृजेश सन्त, अपर सचिव श्री आनंद श्रीवास्तव सहित परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने 130 नई बीएस-6 बसें खरीदी हैं। इनमें से 77 बसें दिल्ली मार्ग पर पहले से ही संचालित हैं, जबकि शेष 53 बसें जल्द ही सेवा में लाई जाएंगी। संचालित बसों के फेरे भी बढ़ा दिए गए हैं, जिससे यात्रियों को यात्रा में किसी प्रकार की असुविधा न हो। दिल्ली में प्रवेश न कर सकने वाली बसों को यात्रियों की सुविधानुसार मोहन नगर और कौशांबी ;दिल्ली बॉर्डरद्ध तक पहुंचाया जा रहा है। वहां से यात्रियों को दिल्ली के अंदर ले जाने के लिए डीटीसी बसों के माध्यम से समन्वय स्थापित किया गया है। इससे दिल्ली जाने वाले यात्रियों की परेशानी को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने अपने सभी डिपो को अलर्ट मोड पर रखा है। निगम का लक्ष्य है कि उत्तराखण्ड से दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। इन प्रभावी कदमों के परिणामस्वरूप यात्रियों के आवागमन की स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। निगम यात्रियों को निर्बाध सेवा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।