ओवरलोडिंग के खिलाफ प्रदेशभर में चलेगा अभियान: ओवरलोडिंग पाए जाने पर मालिक से लेकर चालक और कंडक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा
देहरादून(उद संवाददाता)। ओवरलोडिंग के खिलाफ पुलिस 10 नवंबर से अभियान शुरू करने जा रही है। ओवरलोडिंग पाए जाने पर मालिक से लेकर चालक और कंडक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके लिए डीजीपी अभिनव कुमार ने बीते 10 सालों में ओवरलोडिंग के कारण हुए हादसों का ब्योरा तलब किया है। हॉट और ब्लैक स्पॉट को चिर्ििंत करते हुए वहां पर चेतावनी बोर्ड और अन्य उपचार करने के निर्देश भी डीजीपी ने दिए हैं। डीजीपी अभिनव कुमार ने यह निर्देश मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में हुई क्राइम मीटिंग में दिए। उन्होंने कहा कि बड़े हादसों का सबसे बड़ा कारण ओवरलोडिंग सामने आया है। ऐसे में ओवरलोडिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने सभी जिला पुलिस प्रभारियों को आगामी 10 नवंबर से अपने-अपने जिलों में ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए। ओवरलोडिंग में जिम्मेदारी वाहन के मालिक की भी तय की जाएगी। लिहाजा बस चालक और कंडक्टर के अलावा मालिक के खिलाफ भी बीएनएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा धरना प्रदर्शन में नेशनल हाईवे को बाधित करने वालों के खिलाफ भी तत्काल मुकदमा दर्ज करने के निर्देश उन्होंने दिए। साथ ही उन्होंने इसकी जागरूकता के लिए भी अभियान चलाने को कहा। डीजीपी ने कहा कि चोरी, लूट और डकैती आदि की घटनाओं में जिन जिलों में 61 फीसदी से कम बरामदगी हुई है उन्हें इसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने जिला पुलिस प्रभारियों को इसके लिए चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि मैदानी और पहाड़ी जनपदों के अपराध संबंधी आंकड़ों का तुलनात्मक मूल्यांकन अलग-अलग किया जाए। इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए भी वृहद स्तर पर प्रयास किए जाएं। इसके अलावा ऑपरेशन स्माइल में गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए। अपराधों को अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए। उनका निम्नीकरण बिल्कुल भी न किया जाए। साथ ही अपराध दर में होने वाली बढ़ोतरी व गिरावट के कारणों की थाना व सर्किल स्तर पर समीक्षा कर उन्हें दूर किया जाए। नए कानूनों में बीएनएस के तहत दर्ज होने वाले मुकदमों की कानूनी प्रक्रिया का सभी जनपद प्रभारी भली भांति अध्ययन कर आने वाली समस्याओं से अवगत कराएं। कार्मिकों को प्रशिक्षण में कमी रही तो जनपद प्रभारी इसके लिए उत्तरदायी होंगे। डीजीपी आईजी कॉन्Úेंस में बीएनएस की सक्सेस स्टोरी को उजागर किया जाए। नए कानूनों से लोगों को क्या सहूलियत मिली है उसके बारे में एक स्टोरी मुख्यालय को भी उपलब्ध कराई जाए। ई-एफआईआर व जीरो एफआईआर में दर्ज मुकदमों की समीक्षा करते हुए बताया गया कि आंकड़ों को अलग-अलग कर इनकी समीक्षा की जाए। फीडबैक लेकर इसका समाधान किया जाए। डीजीपी ने बैठक में बताया कि अगले साल स्थापना दिवस पर आईटीबीपी के साथ उत्तराखंड नंदा देवी आरोहण करेगी। इसके साथ ही गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक राफ्रिटंग के माध्यम से गंगा सफाई अभियान भी चलाया जाएगा। आगामी वर्ष में चारधाम यात्रा को निर्बाध रूप से संपन्न कराने के लिए अभी से होमवर्क किया जाए। इसके लिए मार्ग पर इलेक्ट्रॉनिक साइन बोर्ड, होल्डिंग एरिया कैपेसिटी व पार्किंग स्थल का चिर्ीिंकरण समय से किया जाए। सभी जनपदों से इसके लिए एक सप्ताह में सुझाव मांगे गए हैं।