22 दिन से फरार मुकेश बोरा अंडरग्राउंड : दिल्ली भागने की आशंका, तलाश में जुटे 50 पुलिसकर्मी,300 लोगों से पूछताछ
मुकेश बोरा को परिवहन अधिकारी व्हाट्सएप कॉल से दे रहा था जानकारी
हल्द्वानी(उद संवाददाता)। महिला से दुष्कर्म का आरोपी मुकेश बोरा पुलिस की आंखों में लगातार धूल झोंक रहा है। उसकी धड़पकड़ के लिए उत्तराखंड पुलिस की कई टीमें दिल्ली सहित अन्य क्षेत्रों में दबिश दे रही है लकिन अब तक वह कानून के शिकंजे में नहीं फंसा है। वहीं दूसरी तरफ नैनीताल पुलिस अपने मुखबिर तंत्र के साथ आरोपी को दबोचने के लिए लगातार उसके संभावित ठिकानों में दबिश दे रही है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत खरिज होने के बाद पांच दिन से फरार मुकेश बोरा अब तक उसे ढूंढने में लगे 50 पुलिस कर्मियों पर भारी पड़ रहा है। दो एसपी, दो सीओ, एक इंस्पेक्टर, दो चौकी इंचार्ज व एसओजी इंचार्ज मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पा रहे। महिला से दुष्कर्म का आरोपी नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा 22 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसके नेटवर्क के आगे पुलिसिया तंत्र नाकाम साबित हो रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि मुकेश बोरा को परिवहन अधिकारी व्हाट्सएप कॉल से जानकारी दे रहा था। 18 सितंबर को हाई कोर्ट ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था। इससे पहले हाई कोर्ट ने सशर्त उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई और अल्मोड़ा कोतवाली में नियमित उपस्थिति दर्ज कराने को कहा था। बोरा ने शुरुआत के पांच दिन हाई कोर्ट ने निर्देश का पालन किया। 17 से उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। 18 सितंबर से वह अंडरग्राउंड हो गया। इसी दिन शाम से नैनीताल पुलिस उसकी तलाश में संभावित ठिकानो पर दबिश देने लगी। बोरा भीमताल में आराम फरमा रहा था। कार पर सवार होकर भीमताल से हल्द्वानी होते हुए किच्छा के पुलभटटा पहुंच गया। जहां से वह नेपाल भागने की फिराक में था। कार से उतरकर भागने की सूचना पर पुलिस ने ऊधम सिंह नगर में घेराबंदी की और नेपाल बार्डर तक निगरानी बढ़ाई। अकेला बोरा सबको दौड़ने में सफल हो गया है। पुलिस ने बोरा के हमदर्दों का पता लगाने के लिए खुफिया तंत्र को भी लगा रखा है। बोरा प्रकरण में खुफिया तंत्र भी अहम जानकारी नहीं जुटा पा रहा है। पूरे घटनाक्रम ने कई अधिकारियों व कर्मचारियों की काबिलियत की परीक्षा लेना शुरू कर दिया है। बहरहाल, अधिकारियों से लेकर सिपाही तक के सामने बोरा को पकड़ने की बड़ी चुनौती है। अब सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर पुलिस उसे कब तक पकड़कर सलाखों के पीछे भेज पाती है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बोरा की गिरफ्तारी के लिए 300 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। सर्विलांस टीम एक्टिव मोड पर है। बोरा मोबाइल का प्रयोग नहीं कर रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मुकेश बोरा व परिवहन विभाग के अधिकारी के बीच बात वाट्सएप काल पर हुई। परिवहन विभाग के अधिकारी के मोबाइल को जब्त कर पुलिस इंटरनेट प्रोटोकाल डिटेल रिकार्ड से उसका पता लगाने की कोशिश कर रही है। इससे यह पता चलेगा कि नेट का प्रयोग कहां हुआ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मुकेश बोरा के दिल्ली पहुंचने की आशंका है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। जबकि बाकी टीमें जिले के अलावा बाहरी राज्यों व जिलों में दबिश दे रही हैं।