सरकार के जवाब से बढ़ेंगी आईएएस पंकज की मुश्किलें
निलंबित आईएएस पंकज और चंद्रेश को शासन ने चार्जशीट सौंप 14 अक्टूबर तक मांगा जवाब
देहरादून,30सितम्बर। एनएच 74 भूमि मुआवजे घोटाले में निलम्बित आईएएस डा- पंकज पाण्डे और चन्द्रेश यादव की मुश्किल बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय में 10 अक्टूबर को होनी है तो वही शासन ने भी दोनों अधिकारियों को चार्जशीट थमाते हुये 14 अक्टूबर तक उनका जवाब मांगा है। इस मामले में आईएएस पंकज पाण्डे द्वारा उच्च न्यायालय में लगाई गई जमानत याचिका पर भी निर्णय सरकार का पक्ष रखने तक टल गया है। यदि उच्च न्यायालय में सरकार की पैरवी जोरदार हो गई तो आईएएस पंकज पाण्डे की मुश्किले ओर बढ़ सकती है। मामले की नजाकत को देखते हुये आईएएस पंकज पाण्डे द्वारा उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर विगत शुक्रवार को न्यायाधीश मा- मनोज कुमार तिवारी की एकलपीथ में सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुना लेकिन अपना निर्णय नही दिया। उच्च न्यायालय द्वारा इस पर सरकार को अपना पक्ष रखने के लिये कहा गया है। एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा समय समय पर दिये गये निर्णय से ऐसा लग रहा है कि सरकार काफी सख्त है और इस मामले में कोई ढिलाई देने के मूढ़ में नही है और ऐसा हुआ तो आईएएस पंकज पाण्डे को उच्च न्यायालय से भी कोई राहत मिलने की उम्मीद नही लग रही। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जीरो टोलरेंस को अपनी बड़ी उपलब्धि बताते है और वह कभी नही चाहेंगे कि एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले के आरोपी बाहर रहे। इसलिये श्री रावत इस मामले में काफी सख्त दिख रहे है। बहरहाल शासन द्वारा दोनों अधिकारियों को सौपी चार्जशीट के बाद उनकी दिक्कते ओर बढ़ गई है। यदि सरकार अपने इस ट्रैक पर चलती रही तो आने वाला समय दोनों आईएएस अधिकारियों के लिये काफी कांटे भरा होगा।