उत्तराखंड में गरमाया सरकार गिराने का मामला: आखिर किसके निशाने पर है धामी सरकार ?
पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी उछाला मुद्दा
देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर सत्ता की मलाई के लिए छटपटाहट शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि गैरसैण विधानसभा भवन में जब सीएम धामी सदन में मौजूद थे और एक निर्दलीय विधायक के बयान से भीतरखाने राजनीतिक गलियारों में चर्चायें भी गरमा गई है। सत्र समाप्त होने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस के हाथ एक और बड़ा मुद्दा लग गया है। इतना ही नहीं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को गिराने में अपनी भूमिका का दावा करने वाले कथित पत्रकार एवं मौजूदा निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के इस सनसनीखेज बयान को लेकर अब धामी सरकार ने सख्त स्टैंड लेने का प्रयास किया है। सरकार गिराने की शाजिस रचने वाले लोगों को बेनकाब करने के लिए सीएम धामी धाकड़ एक्शन भी ले सकते है। निर्दलीय विधायक के बयान के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए धामी सरकार से मामले की पुख्ता जांच कर जनता के सामने पूरा सच उजागर करने की अपील की है। साथ ही पूर्व सीएम हरदा ने अपनी सरकार गिराने को लेकर भी पीड़ा व्यक्त की है। पूर्व सीएम हरदा के अनुसार विधानसभा में सरकार गिराने का मामला उठता है। मुख्यमंत्री जी उसका संज्ञान लेते हैं और कहते हैं कि खुफिया एजेंसीज उसका काम अवश्य करेंगी। इसका अर्थ है कि कहीं न कहीं कुछ ऐसी चिंगारी या आग है कि मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी के बाद यह मामला महत्वपूर्ण हो गया है। इससे राज्य में राजनीतिक स्थिरता और सर्वांगीण विकास का मामला भी जुड़ा हुआ है। मैं समझता हूं कि इस संदर्भ में क्या स्थिति है? सत्तारूढ़ दल को राज्य की जनता के सामने सारा ब्यौरा रखना चाहिए। राज्य की जनता को इस मामले की गहराई को जानने का पूरा हक है।
गुप्ता बंधु सरकार को गिराने कि कोशिश में थे : निर्दलीय विधायक उमेश कुमार
मानसून सत्र के दूसरे दिन सहारनपुर के चर्चित व्यवसायी गुप्ता बंधु को लेकर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सनसनीखेज खुलासा किया। विधायक ने सदन में कहा कि गुप्ता बंधु उत्तराखंड में नियमों को ताक पर रखकर अपने व्यवसाय को लगातार बढ़ा रहे थे। गुप्ता बंधु सरकार को गिराने कि कोशिश में थे। इसके लिए वो 500 करोड़ रुपये तक खर्च करने को तैयार थे। उमेश कुमार ने सीधा आरोप लगाया कि साल 2016 और 2020 तक राज्य सरकार गुप्ता बंधुओं पर खासी मेहरबान थी। इसी दौरान गुप्ता ब्रदर्स को राज्य में वाई और फिर जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। विधायक ने सवाल उठाया कि दुनिया के कई देशों में ब्लैकलिस्ट की जा चुकी सारा कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड कंपनी की सब्सिडरी कंपनियां हेरिटेज एविएशन और दून लॉज एंड हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड गठित कर उत्तराखंड में कैसे उन्हें कारोबार करने की छूट दी गई। नियम 58 के तहत भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हुए विधायक उमेश कुमार ने कहा कि पृथक राज्य बनते ही भ्रष्टाचार ने उत्तराखंड को पोलियो ग्रस्त कर दिया। एक के बाद एक कई सरकारें आई लेकिन भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाया। ऐसे में बाहरी राज्यों के माफिया और व्यवसायी यहां खूब फलने-फूलने लगे। विधायक ने कहा गुप्ता बंधुओं के साथ किन राजनेताओं के संबंध हैं और वह कैसे यहां कारोबार को बढ़ा रहे हैं इसकी ईडी और सीबीआई जांच जानी चाहिए। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की माने तो इन कारणों की पड़ताल की जानी चाहिए कि गुप्ता बंधु उत्तराखंड में लगातार ताकतवर कैसे होते चले गए।