मुख्य सचिव ने बौर, हरिपुरा, तुमारिया और नानकसागर जलाशयों को विकसित करने के दिए निर्देश

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गदरपुर में बाबा डल मंदिर से बौर जलाशय गूलरभोज-कूल्हा तिलपुरी वन बैरियर तक कंक्रीट सड़क निर्माण कार्यों का वित्तीय अनुमोदन
देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में व्यय वित्त समिति की बैठक ली। उन्होंने उत्तराखण्ड के बौर, हरिपुरा, तुमारिया और नानकसागर जैसे जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट जमाव की समस्या के समाधान तथा इन जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में जलाशयों के डिसिल्टिंग (सिल्ट या मिट्टी उठान) को रॉयल्टी फ्री करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस संबंध में सिंचाई विभाग को सभी संबंधित विभागों से अनापत्ति लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने ऊधमसिंह नगर के गदरपुर में बाबा डल मंदिर से बौर जलाशय से गूलरभोज-कूल्हा तिलपुरी वन बैरियर तक सिंचाई विभाग के माध्यम से कंक्रीट सड़क निर्माण कार्यों का वित्तीय अनुमोदन दिया। बौर एवं हरिपुरा जलाशयों में वर्षाकाल की बाढ़ से जल संचय किया जाता है। इन जलाशयों में वर्षभर सिंचाई हेतु कृषकों को पानी दिया जाता है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन हब के रूप में भी इस क्षेत्र को विकसित किया जाना है। उत्तराखण्ड शासन की महत्वाकांक्षी योजना 13 जनपद 13 पर्यटन स्थल में भी बौर-हरिपुरा जलाशय को सम्मिलित किया गया है। व्यय वित्त समिति की बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मोहकमपुर (देहरादून) में न्यायिक कार्मिकों के लिए बनने वाले 32 आवासीय भवनों के निर्माण का भी अनुमोदन दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि उक्त आवासीय भवनों में अनिवार्य रूप से सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए तथा ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा पर कार्य किया जाए। मुख्य सचिव ने देहरादून में पशु प्रजनन फार्म कालसी के सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु कंप्रिहेंसिव स्टडी के निर्देश दिए हैं। पशु प्रजनन प्रक्षेत्र, कालसी जनपद देहरादून में स्थापित है तथा वर्तमान में भारत सरकार द्वारा देश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस ऑन इण्डीजिनस ब्रीड्स नामित किया गया है।इस प्रक्षेत्र पर भ्रूण प्रत्यारोपण की तकनीक से नस्ल सुधार कार्यक्रम सम्पादित किया जा रहा है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने पशुलोक, ऋषिकेश में हीफर रियरिंग फार्म के सुदृढ़ीकरण के कार्य की भी सैद्धान्तिक स्वीकृति दी है। पशुलोक ऋषिकेश में वर्ष 2019 में हीफर रियरिंग फार्म की स्थापना का कार्य आरआईडीएफ योजनान्तर्गत किया गया था। फार्म का उद्देश्य राज्य के पशुपालकों को उचित मूल्य पर संकर नस्ल की गाय उपलब्ध कराना है।
बैठक में सचिव पशुपालन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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