श्री गुरूनानक शिक्षा समिति के सदस्यों को लेकर उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला
डिप्टी रजिस्ट्रार के निर्णय पर हाईकोर्ट ने लगाई मोहर,
श्री गुरूनानक शिक्षा समिति के नये सदस्यों को माना नियमानुसार
नैनीताल(उद संवाददाता)। श्री गुरूनानक शिक्षा समिति के नये सदस्यों पर डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा दिये गये निर्णय को सही मानते हुये माननीय उच्च न्यायालय ने इस पर अपनी मोहर लगा दी है। अब यह नये सदस्य आगामी 11 अगस्त 2024 को होने वाले श्री गुरू नानक शिक्षा समिति के चुनाव में अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। जानकारी के अनुसार श्री गुरू नानक शिक्षा समिति ने अपनी समिति का विस्तार करते हुये दिनांक 13 मई 2022 को 30 नये सदस्य बनाए गए जिनमें किरन दीप सिंह विर्क, सुरमुख सिंह विर्क,गुरदीप सिंह, नरिन्दर कौर,रजनी गाबा,परमजीत सिंह,संदीप चीमा,परविन्दर कौर,कुलजीत सिंह,लखवीर सिंह,हरजिन्दर कौर,राजिन्दर कौर,गुरूवचन सिंह, सुरेन्द्र कौर,बलजीत सिंह, प्रीत कौर,सतविन्दर पाल सिंह, दलजिन्दर कौर, जगजीत सिंह, मनजीत सिंह,श्रीमति परमिन्दर कौर, जसवीर सिंह, भूपेन्दर सिंह, श्रीमति दलजीत कौर,श्रीमति सुखजीत कौर, श्रीमति प्रभजोत कौर, गुरप्रीत सिंह संधू,देवेन्दर सिंह गिल शामिल थे। इससे पूर्व समिति में 120 सदस्य थे और नये सदस्यों को शामिल करते हुये समिति में 150 सदस्य हो गये। लेकिन डिप्टी रजिस्ट्रार ने इन नये सदस्यों को गलत मानते हुये इन्हे 18 जून 2022 को बाहर का रास्ता दिखा दिया। डिप्टी रजिस्ट्रार के इस निर्णय के खिलाफ सदस्यों द्वारा उच्च न्यायालय में अपील की गई। उच्च न्यायालय में सदस्यों का कहना था कि डिप्टी रजिस्ट्रार ने उनका पक्ष सुने बगैर ही उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया हैं, जो अनुचित और नियम विरूद्ध है। श्री गुरू नानक शिक्षा समिति के अधिवक्ता विपुल शर्मा द्वारा भी उच्च न्यायालय को बताया गया कि समिति के बायलॉज के अनुसार ही सभी सदस्यों द्वारा अपना आवेदन किया गया था और वह बायलॉज के सभी मानको को पूरा करते है। उनकी सदस्यता बायलॉज के अनुसार वैध है। उच्च न्यायालय द्वारा अधिवक्ता श्री शर्मा द्वारा रखे गए तथ्यों को सही माना और डिप्टी रजिस्ट्रार को सदस्यों का पक्ष सुनने के बाद ही अपना निर्णय दिये जाने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय के आदेश पर डिप्टी रजिस्ट्रार ने सदस्यों का पक्ष सुनते हुये उनके द्वारा दाखिल किये गये सदस्यता सम्बंधी सभी कागजातों का बारीकी से निरीक्षण के पश्चात उनकी सदस्यता को सही माना और 12 जुलाई 2024 को अपना आदेश देते हुये सभी नये 30 सदस्यों की सदस्यता बहाल कर दी। मगर डिप्टी रजिस्ट्रार के इस निर्णय के खिलाफ श्री गुरूनानक शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष जगतार सिंह और सदस्य श्रवण सिंह ने इन 30 सदस्यों में से 22 सदस्यों की सदस्यता को अवैध बताते हुये उच्च न्यायालय में रिट दाखिल कर दी। इनका कहना था कि समिति के बायलॉज 5(जी) में स्पष्ट लिखा है कि एजेण्डा सर्कुलेट करने से पूर्व जो आवेदन प्राप्त होंगे उन पर ही अगली बैठक में विचार किया जायेगा। नये सदस्यों को लेकर 6 मई 2022 को एजेण्डा सर्कुलेट करते हुये आगामी बैठक 13 मई 2022 को होना निर्धारित किया गया था। एजेण्डा सर्कुलेट करने तक यानि 6 मई 2022 तक केवल 8 ही लोगों द्वारा सदस्य बनाये जाने हेतु आवेदन किया गया था। जबकि 22 सदस्यों द्वारा 6 मई 2022 के पश्चात अपना आवेदन किया गया। जिसे 13 मई 2022 की बैठक में स्वीकार करते हुये 8 सदस्यों के साथ इन 22 सदस्यों को भी सदस्यता दे दी गई। इसके साथ ही वादी पक्ष का कहना था कि इन 22 सदस्यों द्वारा स्वयं बैंक ड्राफ्रट न बनाते हुये अन्य लोगों से बनवाये गये थे इसलिये इन सभी 22 सदस्यों की सदस्यता को निरस्त किया जाये। सदस्यों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विपुल शर्मा द्वारा इस सम्बंध में बायलॉज से सम्बंधित सभी तथ्यों को रखते हुये वादी पक्ष की दलीलों को गलत बताया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सभी नये 30 सदस्यों की सदस्यता को नियमानुसार मानते हुये डिप्टी रजिस्ट्रार के निर्णय पर अपनी मोहर लगा दी। उच्च न्यायालय का यह निर्णय श्री गुरु नानक शिक्षा समिति के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि आगामी 11 अगस्त को श्री गुरु नानक शिक्षा समिति की कार्यकारिणी का चुनाव होना है जिसमें यह सदस्य बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। नए बनाए गए सदस्यों से एक गुट को आपत्ति थी क्योंकि यह सदस्य वर्तमान प्रबंधक गुरमीत सिंह के समर्थक माने जाते हैं और आगामी चुनाव में उनके पक्ष में ही मतदान करेंगे ऐसा दूसरे गुट को अंदेशा है। जिसके चलते इन नये सदस्यों की सदस्यता को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था लेकिन वहां उन्हें निराशा हाथ लगी।