जो मोहब्बत की दुकान हैं यथावत चलती रहेंगी….! पहचान लिखने के फरमान पर अंतरिम रोक लगाने को लेकर भी सियासत तेज
पूर्व सीएम हरीश रावत ने बोला हमला: थैंक्यू सुप्रीम कोर्ट! होटल, ढाबे और ठेलियों को नफरत की दुकान बनाना चाहते थे
हरिद्वार/देहरादून। कांवण यात्रा में भाजपा सरकारों के फैसलो पर रोक लगाने को लेकर भी सियासत तेज हो गई है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांवड यात्रा को लेकर न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि थैंक्यू सुप्रीम कोर्ट! होटल, ढाबे, रेहड़ी और ठेलियों को नफरत की दुकान बनाना चाहते थे । कांवड़ यात्रा के दौरान पूरे उत्तर प्रदेश के यात्रा रूट पर सभी दुकानदारों और फल की ठेली वालों को अपनी दुकानों की पहचान लिखने के फरमान को लेकर देशभर में सियासी घमासान के बीच मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहंच गया है। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और एमपी सरकार के फैसलों पर अंतरिम रोक लगा दी गई है। पहचान बताने के फैसले को लेकर जहां भाजपा इसे कांवड़ियों की पवित्रता के लिए उचित बता रहे हैं वहीं अब कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के नेता कांवड़ यात्रा के नाम पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगा रहे है। हांलाकि दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को लेकर कई वर्ग उचित बता रहे हैं। कांवड़ियों का कहना है कि हमें हिंदू मुस्लिम की दुकान से कोई दिक्कत नहीं है। हर साल हम कांवड़ ले जाते हैं और हिंदू और मुस्लिम दोनों की दुकानों से सामान खरीदते हैं। लेकिन ऐसा कोई भेदभाव नहीं होता। कुछ कांवड़ियों ने कहा कि ये उत्तराखंड सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का ये सही फैसला है। लेकिन किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। कुछ कांवड़ियो का कहना है कि पहले हमें दिक्कत होती थी लेकिन इस फैसले के बाद हमें सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल सही कदम है।
जो मोहब्बत की दुकान हैं यथावत चलती रहेंगी
देहरादून । कांवण यात्रा में भाजपा सरकारों के फैसलो पर रोक लगाने को लेकर भी सियासत तेज हो गई है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांवड यात्रा को लेकर न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि थैंक्यू सुप्रीम कोर्ट! होटल, ढाबे, रेहड़ी और ठेलियों को नफरत की दुकान बनाना चाहते थे भाजपा की सरकारें, कावड़ मार्गों पर सेवा कर रहे होटल, ढाबे, रेहड़ी और ठेलियों को नफरत की दुकान बनाना चाहते थे, आपने उनकी कोशिशों पर रोक लगा दी है। यह होटल, ढाबे, रेहड़ी और ठेलियां जो मोहब्बत की दुकान हैं यथावत चलती रहेंगी।
सभी कारोबारियों की पहचान को सार्वजनिक रखने की व्यवस्था बनाई
देहरादून । सावन के पावन महिने में हरिद्वार से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। कांवड़ रूट पर पिछले पांच दिनों से कांवड़ियों की भीड़ दिखाई देने लगी है। आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश की भांति उत्तराखंड में भी अब कावड़ यात्रा मार्ग में सभी दुकानदारों एवं ठेली विक्रेताओं को अपना व्यत्तिफगत विवरण लिखना होगा तथा कोई भी होटल एवं ढाबा मालिक लहसुन- प्याज का इस्तेमाल नहीं करेगा तथा मांसाहारी भोजन नहीं बनाएगा। कावड़ मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पुलिस ने इस बार कई अलग व्यवस्थायें की हैं। मेले के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने, श्रद्वालु शिवभत्तफों के सकुशल अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करने के दौरान खास सर्तकता बरतते हुए उत्तराखण्ड पुलिस ने भी उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह ही कावड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले तमाम होटल, ढाबा संचालकों को जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं।
आदेश कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया
देहरादून । मुख्यमंत्री धामी की तरफ से जानकारी दी गई है। इसमें उन्होंने लिखा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी कारोबारियों की पहचान को सार्वजनिक रखने की व्यवस्था बनाई गई है। ये फैसला किसी को नुकसान पहुंचाने या टारगेट करने का नहीं है। ये आदेश कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया गया है।