केदारनाथ में सोना घोटाले की न्यायिक जांच करने की मांगः दान में चढ़ाये सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेटें कहां हैं ?
अब केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किसन बगवाड़ी ने उठाये कई गंभीर सवाल
देहरादून;उद ब्यूरोद्ध। उत्तराखंड में चारधामों के प्रमुख तीर्थ एंव द्वादश ज्योर्तिलिंग केदानाथ धाम में 228 किलो सोने के घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब एक और मुद्दा सामने आया है। तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ से 230 किलो चांदी गायब होने के आरोप लगाया है। इस आरोप के बाद प्रदेश में फिर से चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए हैं। बुधवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किसन बगवाड़ी ने एक और खुलासा किया है। उन्होंने केदारनाथ से केवल सोना ही नही 230 किलो चांदी भी गायब होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में बहुत कुछ मनमाना हो रहा है। उन्होंने पूछा कि पहले तो सोने का घोटाला हुआ लेकिन जो चांदी धाम में दानदाता द्वारा चढ़ाई गई थी उसके बारे में भी कुछ पता नहीं है। बता दें कि इस से पहले उत्तराखंड चारधाम तीर्थ महापंचायत और कार्यकारिणी सदस्य श्री केदार सभा केदारनाथ धाम के उपाध्यक्ष आचार्य संतोष त्रिवेदी भी आरोप लगा चुके हैं। किशन बगवाड़ी ने आरोप लगाया है कि सोने की प्लेटें लगाने से पहले जो चांदी की प्लेटें लगाई गई थी उनका कुछ पता नहीं है। उन्होंने पूछा है कि सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेटें कहां हैं ? धाम में चढ़ाया गया 230 किलो सोना कहां है। किशन बगवाड़ी का कहना है कि वो शुरू से ही केदानाथ में सोना घोटाले मामले की न्यायिक जांच करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से जांच कराने की मांग को सरकार द्वाका अनसुना किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच हुई लेकिन जांच रिपोर्ट का क्या हुआ कुछ पता नहीं चला। इसका खुलासा किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के केदारनाथ से सोना चोरी होने के बयान से प्रदेशवासियों के साथ ही सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया था। जिसके बाद खुद बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने उनके बयान को सिरे से खारिज करते हुए मीडिया की सुर्खियों में रहने का अरोप भी मढ़ा था। लेकिन अब केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष के दावों को लेकर एक बार फिर लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने का कृत्य करने वालों पर शीघ्र कार्यवाही कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है। आशंका जतायी जा रही है कि दान किये गये सोना और चांदी के रखरखाव में बड़ा घोटाला हुआ है। आखिर बाबा केदारनाथ के मंदिर में हर वर्ष करोड़ों का चढ़ावा किसके खाते में जा रहा है। बहरहाल केदारनाथ से जुड़े चढ़ावे के सोना और चांदी सहित अन्य सवालों को लेकर राज्य सरकार को हस्तक्षेप कर आए दिन उपज रहे विवादों का शीघ्र समाधान निकालने की जरूरत है।