लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से प्रदेश की 115 सड़कें बंद: कुमाऊं मंडल की 52 सड़कों पर यातायात ठप
देहरादून/हल्द्वानी/बागेश्वर। प्रदेश में आसमान से आफत बरस रही है। कुमाऊं में बारिश के कारण हाहाकार मचा हुआ है। शुक्रवार को हुई बारिश से कुमाऊं मंडल को खासा नुकसान हुआ है। भूस्खलन होने से प्रदेश की 115 सड़कें बंद हैं। जिसमें से 52 सड़कें कुमाऊं मंडल की हैं। भारी बारिश के अलर्ट के चलते गोमुख तपोवन ट्रैक की यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान कुमाऊं में देखने को मिल रहा है। कुमाऊंके हल्द्वानी के कई हिस्से भारी बारिश के कारण जलमग्न हो गए हैं। कई स्थानों पर लोगों के घरों में पानी और मलबा घुस गया है। प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा हुआ है लेकिन लगातार हो रही बारिश इसे और चुनौतीपूर्ण बना रही है। बारिश के चलते कुमाऊं की 52 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। पहाड़ को जाने वाली कई सड़कें बंद है। जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस-प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने को कहा है। इसके साथ ही बेवजह पहाड़ों पर ना जाने की अपील की है। मानसून के साथ ही पहाड़ों पर मुसीबतों का पहाड़ भी टूटने लगा है। भारी बारिश के कारण बद्रीनाथ-गंगोत्री हाईवे समेत प्रदेशभर में 115 सड़कें बंद हो गई है। लगातार सड़कों को खोलने की कोशिश की जा रही है। बद्रीनाथ हाईवे मलबा आने के कारण 10 घंटे बंद रहा। बारिश से गोमुख-तपोवन ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है जिस कारण गंगोत्री नेशनल पार्क ने यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। बता दें कि चीड़बासा में मार्ग अवरुद्ध हो गया है। अब अगले आदेशों तक यात्री और ट्रेकर को कनखू बैरियर से आगे जाने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले में बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। रास्तों और सड़कों पर जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के बाद पहाड़ी से मलबा गिरने से चार ग्रामीण सड़कें बंद हैं। इससे 20 से अधिक गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। वाहनों का संचालन थमने से क्षेत्र की आठ हजार की आबादी बारिश के बीच पैदल आवाजाही करने के लिए मजबूर है। वहीं बागेश्वर जिले में भारी बारिश से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए तथा 13 सड़काें पर यातायात ठप है। इससे 20 हजार की आबादी प्रभावित है। गोमती और सरयू नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। लोगों को नदी में जाने से रोकने के लिए बागनाथ मंदिर के समीप जल पुलिस की चौकी खोल दी गई है। वाहनों की आवाजाही थमने से लोग बारिश के बीच पैदल सफर कर बाजार पहुंच रहे हैं और पीठ पर दैनिक जरूरत का सामान घर पहुंचाने के लिए मजबूर हैं। वही जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कपकोट तहसील के विभिन्न मार्गों का निरीक्षण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि जेसीबी सड़कों को खोलने में जुटी हैं। जल्द सड़कों पर आवाजाही शुरू करा दी जाएगी। भारी बारिश का कहर सड़कों पर टूट रहा है। बोल्डर और मलबा गिरने से तुड़तुड़िया-भैरू-ओखलधार, ज्ञानधुरा-डांगती, हरसीला-पुड़कूनी, सिमगड़ी, कठपुडि़याछीना-सिया, बनलेख-गणुवा सिरमोली, बागेश्वर-दफौट-नौगांव, सूपी-हरकोट, काफलीकमेड़ा, धरमघर-माजखेत, भनार-लाथी, कपकोट-पिंडारी ग्लेशियर और मुनार-गांसी मोटर मार्ग बंद हैं। सड़कों के बंद होने से 20 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है।