कैंची धाम में हर समय जाम लगने से आमजन हलकानः मेले में यातायात व्यवस्था को सुचारु करना चुनौतीपूर्ण
प्रशासन ने 100 से अधिक बसें और 500 से अधिक छोटे वाहनों को शटल सेवा के रूप में चलाने की योजना बनाई
नैनीताल। कैंची में बाबा नीब करौरी आश्रम की स्थापना के बाद से ही वहां हर साल 15 जून को स्थापना दिवस कार्यक्रम होता है। समय बीतने के साथ साथ स्थापना दिवस के इस कार्यक्रम ने कैंची मेले का रूप ले लिया और साल दर साल यह भव्य होता गया। इन दिनों हर रोज दस से पंद्रह हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। वाहनों का दबाव बढ़ने से कैंची में जाम से लोग जूझ रहे हैं। कैंची मेले के दौरान रानीबाग- भीमताल, भीमताल-भवाली, भवाली-कैंची, ज्योलीकोट-भवाली, नैनीताल-भवाली और अल्मोड़ा-कैंची समेत भवाली और कैंची को रामगढ़ से जोड़ने वाली सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ने से कदम कदम पर जाम रहता है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सड़कों पर लगने वाले जाम से कैसे निपटेंगे और यातायात व्यवस्था को सुचारु करना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। प्रशासन ने भवाली और गरमपानी में पार्किंग स्थल के लिए 14 स्थानों को चिर्ििंत किया है। इन सभी स्थानों में 1500 से अधिक छोटे-बड़े वाहन खड़े कराने की योजना है। यदि प्रशासन अपने उद्देश्य में सफल रहता है तो अकेले इन पार्किंग स्थलों में ही छह से सात हजार श्रद्धालु जुटेंगे। इन श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी पार्किंग स्थलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी करनी होगी। इसके लिए कम से कम 14 टैंकर और 50 से अधिक मोबाइल शौचालयों की जरूरत पड़ेगी। अलग-अलग स्थानों से श्रद्धालुओं को भवाली और कैंची तक लाने ले जाने के लिए प्रशासन ने 100 से अधिक बसें और 500 से अधिक छोटे वाहनों को शटल सेवा के रूप में चलाने की योजना बनाई है। शटल सेवा तो पिछले वर्षों के दौरान भी चलती रही हैं । 15 जून को बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाइक व स्कूटी से कैंची धाम को रवाना होते हैं। पिछले वर्षों के दौरान जब से टैक्सी बाइकों का संचालन हुआ है तब से कैंची मेले के दौरान वहां जाने वाले दोपहिया वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। यही दोपहिया वाहन कई बार एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में जाम का कारण बनते हैं। प्रशासन इस बार इन दोपहिया वाहनों को कैसे व्यवस्थित कराएगा। गौरतलब है कि हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग में कैंची के पास जाम लगने से अल्मोड़ा, व बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों का व्यापार सहित आमजन और यात्रियों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। बागेश्वर के व्यापारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग होने के बाद भी सड़क पर समुचित तरीके से यातायात व्यवस्था संचालित कराने की व्यवस्था नही होने, घँटों लग रहे जाम से आमयात्रियो और पहाड़ को आने वाले मालवाहको को जाम का सामना करना पड़ता है, जिससे समय से व्यापारियों को सामान नही मिल पाता है, राष्ट्रीय राजमार्ग में ही प्रसिद्ध नीम करोली महाराज जी का आश्रम होने से हर समय वहां काफी लंबा जाम लग जाता है, वही कई बार मार्ग में कई वीआईपी मंत्रियों सहित महामहिम के आने पर सड़क में यातायात व्यवस्था रोकनी पड़ती है।जिस कारण पहाड़ के लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती है। जबकि राज्य सरकार द्वारा सब कुछ जानने के बाद भी अब तक सड़क में जाम से निजात दिलाने के लिए कोई उचित व्यवस्था नही कराई गई है,जबकि रोजाना जाम की स्थिति के बाद राज्य सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा कोई बायपास मार्ग जाम से निजात दिलाने के लिए अभी तक नही बनाया जा सका है।