उत्तराखंड में बिल्डर बाबा साहनी सुसाईड केस में गुप्ता ब्रदर्स गिरफ्तारः पुलिस को जेब से मिला पीएम और सीएम के नाम लिखा दो पन्नों का सुसाईड नोट

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देहरादून (उद संवाददाता)। उत्तराखंड में राजधानी देहरादून के एक प्रतिष्ठत बिल्डर की संदिग्ध पारस्थियों में शुक्रवार को पेसिफिक हिल्स के पास एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के आठवें फ्लोर से गिरने से मौत हुई है। पीएम-सीएम के नाम लिखा दो पन्नों का सुसाइड नोट मिलने पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू की। बिल्डर सुसाइड मामले में दक्षिण अफ्रीका के उद्योगपति गुप्ता बंधु को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उत्तराखंड पुलिस ने इस हाईप्रोफाईल सुसाईड केस में उद्योगपति अनिल गुप्ता और अजय गुप्ता के खिलाफ नामजद मुकदमे के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। गुप्ता बंधुओं पर आरोप था कि इन्होंने पहले साहनी के साथ पार्टनरशिप की और अब धमकी दे रहे थे। बताया जा रहा है कि साहनी के कई प्रोजेक्ट रुक गये थे। इससे उनके पार्टनर्स में भी विवाद चल रहा था। बताया जा रहा है कि कारोबार में पार्टनरशिप के विवाद में शहर के नामी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी उर्फ बाबा साहनी ने अपनी विवाहित बेटी के सहस्रधारा रोड पर पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट में आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली। नीचे गिरकर लहूलुहान हुए साहनी को गंभीर स्थिति में मैक्स अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी जेब से मिले सुसाइड नोट व उनके बेटे के बयान के आधार पर पुलिस ने सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी चर्चित अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनोई अनिल गुप्ता (गुप्ता बंधु) के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया। त्वरित कार्रवाई करते हुए राजपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपितों को उनके देहरादून के कर्जन रोड स्थित आवास से हिरासत में ले लिया। लंबी पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। साहनी इंफ्रास्ट्रक्चर व साहनी इंफ्रा के मालिक रेसकोर्स निवासी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी वर्तमान में सहस्रधारा हेलीपैड के निकट और राजपुर रोड पर अम्मा कैफे के पास दो आवासीय परियोजनाओं का निर्माण करा रहे थे। इसमें उनके दो पार्टनर थे। परियोजना का बजट काफी अधिक होने के कारण सतेंद्र साहनी ने अपने परिचित भाजपा नेता बलजीत सोनी से संपर्क कर उनकी परियोजना के लिए किसी बड़े फाइनेंसर की तलाश करने को कहा। बलजीत सोनी ने उनकी मुलाकात सहारनपुर के चर्चित कारोबारी अनिल गुप्ता से कराई। चूंकि गुप्ता बंधु पूर्व में काफी विवादों में रह चुके हैं, ऐसे में सतेंद्र सिंह साहनी ने शर्त रखी कि परियोजना में रकम लगाने के बावजूद वह न तो निर्माण साइट पर आएंगे और न ही अपना नाम परियोजना की पार्टनरशिप में सार्वजनिक करेंगे। दोनों में इसका लिखित समझौता हो गया। परियोजना पर आरोपितों ने कुल लागत की 85 प्रतिशत धनराशि लगा दी। आरोप है कि इसके बाद समझौते का उल्लंघन करते हुए अजय कुमार गुप्ता ने परियोजना के कार्यों में हस्तक्षेप कर साइट पर आना-जाना शुरू कर दिया। उन्होंने साइट पर अपना प्रतिनिधि भी नियुक्त कर दिया। आरोप है कि इसके बाद आरोपितों ने बिल्डर साहनी व उनके दो अन्य पार्टनर पर परियोजना उनके नाम पर करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। जिसके बाद दोनों अन्य पार्टनरों ने परियोजना से हाथ खींच लिए। आरोप है कि गुप्ता बंधुओं की धमकी से परेशान बिल्डर सतेंद्र साहनी शुक्रवार की सुबह रेसकोर्स स्थित आवास से किसी को बिना कुछ बताए चले गए और अपनी बेटी के पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट में पहुंचे। कुछ देर बेटी से बातचीत की और इसके बाद साहनी बालकनी में खड़े हो गए। इससे पहले बेटी कुछ समझ पाती, साहनी ने छलांग लगा दी। पिता को नीचे गिरा देख बेटी वहां पहुंची और अन्य लोगों व सुरक्षाकर्मियों की मदद से उन्हें मैक्स अस्पताल ले गई, लेकिन चिकित्सकों ने साहनी को मृत घोषित कर दिया। बेटे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज पुलिस को दी गई तहरीर में सतेंद्र सिंह साहनी के बेटे रणबीर सिंह साहनी ने बताया कि उनके पिता को अनिल गुप्ता व अजय कुमार गुप्ता लगातार ब्लैकमेल कर रहे थे। इस संबंध में उन्होंने 16 मई को पुलिस में शिकायत भी दी थी। अनिल गुप्ता व अजय कुमार गुप्ता उनके पिता पर दोनों परियोजनाएं उनके नाम करने का दबाव डाल रहे थे। आरोपितों ने परेशान करने के लिए सहारनपुर में उनके पिता के खिलाफ झूठी शिकायत भी दी थी, जिसमें सहारनपुर पुलिस लगातार उनके पिता को पूछताछ के लिए बुला रही थी। शुक्रवार को भी सहारनपुर पुलिस ने सतेंद्र साहनी को पेश होने के लिए बुलाया था, जिस कारण वह काफी घबराए हुए थे। आरोप है कि इसी कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी ने आत्महत्या से पहले
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित अंग्रेजी में दो पेज का सुसाइड नोट लिखा। जिसमें उन्होंने आरोपितों से परियोजना को लेकर हुई डीलिंग और फिर विवाद का जिक्र किया है। नोट के अंत में उन्होंने अपने परिवार की सुरक्षा की अपील भी की है।

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