चीफ जस्टिस ऋतु बाहरी ने किए बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन

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बीकेटीसी के सदस्यों ने मुख्य न्यायाधीश को प्रसाद भेंट किया, चारधाम यात्रा प्रबंधन और तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्थाओं के बारे में जाना
रूद्रप्रयाग/चमोली(उद संवाददाता)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी ने बंधवार को भगवान श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किये और मंदिर में जलाभिषेक किया। पहली बार केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंची चीफ जस्टिस रितु बाहरी का जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा ने वीआईपी हेलीपैड पर स्वागत किया। केदारनाथ पहुंचने पर जस्टिस रितु तीर्थ पुरोहित समाज एवं मुख्य पुजारी से मिलीं। दर्शन के दौरान चीफ जस्टिस रितु बाहरी आध्यामिक ऊर्जा से अभिभूत नजर आयीं। उन्होंने उत्तराखंड के सतत विकास के लिए भी बाबा केदार से आशीर्वाद भी मांगा है। केदारनाथ में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति बीकेटीसीद्ध मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने समिति की ओर से मुख्य न्यायाधीश को प्रसाद भेंट किया। इस अवसर पर कार्याधिकारी आरसी तिवारी, पुजारी शिवशंकर लिंग तीर्थ पुरोहित और मंदिर समिति के सभी कर्मी मौजूद रहे। केदारनाथ धाम से मुख्य न्यायधीश ऋतु बाहरी अपराहन डेढ़ बजे बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचीं। मंदिर में दर्शन कर विष्णु सहस्रनाम पूजा की। बदरीनाथ धाम के रावल मुख्य पुजारी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी आचार्य रविंद्र भट्ट ने पूजा करायी। इस अवसर पर मुख्य न्यायधीश ने जनकल्याण की कामना की। कार्यालय सभागार में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने समिति की ओर से मुख्य न्यायाधीश को श्री बदरीनाथ धाम का प्रसाद भेंट किया। इस दौरान मंदिर समिति सदस्य भास्कर डिमरी, बदरीनाथ प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी भी मौजूद रहे। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि मंदिर दर्शन के पश्चात मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी ने मंदिर समिति कार्यालय सभागार बदरीनाथ में जिले के शीर्ष प्रशासनिक, न्यायिक अधिकारियों, मंदिर समिति पदाधिकारियों और अधिकारियों से यात्रा विषयक अनौपचारिक बातचीत की। यात्रा प्रबंधन और तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान सुविधाओं- असुविधाओं के बारे में जाना। बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों के रहने की क्षमता, मूलभूत यात्री सुविधाओं, विद्युत, स्वास्थ्य, पेयजल, संचार, परिवहन,आवास, खाद्यान्न, दर्शन व्यवस्था धामों के मौसम आदि विषयों पर चर्चा की। उत्तराखंड चारधाम यात्रा का भी जिक्र किया। खासकर श्री यमुनोत्री धाम की भौगोलिक स्थिति, यात्री वहन क्षमता और बदरीनाथ- केदारनाथ सहित गंगोत्री-यमुनोत्री में जबर्दस्त यात्रियों के प्रवाह और यात्रा के लिए जुटाई गयी तैयारियों पर अधिकारियों से जाना। इस दौरान उन्होंने पूछा कि देश के किन प्रांतों के लोग बदरीनाथ धाम अधिक संख्या में पहुंचते हैं। उन्हें अवगत कराया गया कि वैसे तो देश के सभी प्रांतों के लोग उत्तराखंड चारधाम पहुंचते हैं, लेकिन दक्षिण भारत का बदरीनाथ-केदारनाथ से अधिक लगाव है। आदि गुरु शंकराचार्य की परंपरा के मुताबिक आज भी इन धामों में मुख्य पुजारी रावल केरल से बदरीनाथ में कर्नाटक से केदारनाथ के रावल होते हैं। श्री बदरीनाथ में अधिक श्रद्धालु आते थे। अब रोड कनेक्टिविटी, यात्री सुविधाओं से केदारनाथ, यमुनोत्री में तीर्थयात्रियों का प्रवाह अधिक बढ़ा है। सरकार की ओर से संपूर्ण चारधाम में यात्री सुविधाओं में वृद्धि हुई है। यात्रा पहले से अधिक सुविधाजनक हुई है। मंदिर समितियों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित यात्रा से जुड़े सभी एजेंसियों का प्रयास है कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा सरलता-सुगमता से चले। इस अवसर पर जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना बदरीनाथ धाम यात्रा मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन, सीजेएम चमोली छवि बंसल,उप जिलाधिकारी जोशीमठ सीएस वशिष्ठ, नायब तहसीलदार ज्योतेंदु सिंह नेगी,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नगर पंचायत ईओ सुनील पुरोहित, राजेंद्र सेमवाल, सूचनाधिकारी रविंद्र नेगी, मीडिया प्रभारी बीकेटीसी डा. हरीश गौड़ सहित स्थानीय तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे। बदरीनाथ धाम में अल्प विश्राम के बाद मुख्य न्यायाधीश हेलीकाप्टर से देहरादून रवाना हो गईं।


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