उत्तराखंड पुलिस के धाकड़ एक्शन से हर कोई हैरान : ऋषिकेश एम्स में गाड़ी लेकर घुसी पुलिस,नर्सिंग ऑफिसर ने ऑपरेशन के दौरान महिला डॉक्टर से की थी छेड़छाड़ 

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एसएसपी अभय सिंह ने लिया मामले का संज्ञान , जांच के लिए पहुंचे ऋषिकेश
देहरादून।  उत्तरखंड में पुलिस की कानून व्यवस्था का एक नायब और हैरतअंगेज एक्शन चर्चा का विष्य बना हुआ है। वहीं देहरादून पुलिस के इस धाकड़ एक्शन का वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। जिसके बाद अब इस मामले का संज्ञान एसएसपी ने ले लिया है। बताया जा रहा है कि ऑपरेशन के दौरान महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ करने के एक आरोपी  को गिरफ्तार करने पुलिस की गाड़ी फिल्मी स्टाईल में एम्स ऋषिकेश हास्पिटल में पहुंची थी। एम्स ऋषिकेश में बुधवार शाम कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। नर्सिंग अफसर सतीश कुमार राजस्थान का रहने वाला है। उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। वह हिरासत में है। दरअसल पुलिस अपने वाहन के साथ अचानक चौथी मंजिल के वार्ड में घुस गई। अचानक वाहन आने से वहां मौजूद मरीजों में हड़कंप मच गया। मरीजों के बेड के बीचों-बीच से पुलिस ने अपना वाहन निकाला। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में बीते रोज घटी घटना से हर कोई हैरान है कि कैसे पुलिस अचानक गाड़ी लेकर वार्ड में घुस गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वीडियो के वायरल होने के बाद इस पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जिसके बाद एसएसपी खुद मामले की जांच के लिए देहरादून से ऋषिकेश के एम्स अस्पताल पहुंचे हैं। एसएसपी अभय सिंह, डायरेक्टर एम्स और सुरक्षा प्रभारी के साथ इस मामले में बैठक कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने घटनाक्रम स्थल का निरीक्षण भी किया।
छेड़छाड़ के आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची थी पुलिस
आपको बता दें कि बीते दिनों एम्स में एक नर्सिंग ऑफिसर ने ऑपरेशन के दौरान महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ की थी। इस घटना के बाद से जेआर व एसआर आक्रोशित हैं। उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार कर उनके सामने से ले जाने की मांग की और इसके लिए प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि आरोपी को बचाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस देर शाम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि पुलिस इसी आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए अस्पताल पहुंची थी। आपको बता दें कि प्राथमिक जानकारी में जो तथ्य सामने आए हैं उनसे पता चला है कि वीडियो इमरजेंसी वार्ड की न होकर मरीजों के एडमिशन से पूर्व उनके रुकने के लिए बनाई गई वेटिंग गैलरी की है। मिली जानकारी के मुताबिक छेड़खानी के आरोपी अभियुक्त को उक्त परिस्थितियों में बाहर निकालने के लिए सुरक्षा अधिकारी द्वारा ही उक्त एमरजेंसी रास्ते का प्रयोग करने के संबंध में गाइड किया गया था।


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