आग की घटनाओं को काबू में करने के लिए 24 घंटे निगरानी रखी जाए: धनंजय मोहन
देहरादून(उद संवाददाता)। मुख्यमंत्री द्वारा वानााग्नि की घटनाओं की रोकथाम को लेकर जारी सख्त दिशा निर्देश के बाद वन विभाग के आला अधिकारी भी एक्शन में आ गये हैं। प्रदेश में आग की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। आग की घटनाओं को काबू में करने के लिए अब वन विभाग के मुखिया ने रणनीति बदल दी है। पीसीसीएफ हाफ धनंजय मोहन ने आग को काबू में करने के लिए वन विभाग के फील्ड के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय की है। आग की घटनाओं में वृ(ि ना हो और इन घटनाओं पर काबू पाया जा सके इसलिए पीसीसीएफ ;हाफद्ध धनंजय मोहन ने हर जिले के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की है। बता दें कि मुख्यालय में महत्वपूर्ण पदों पर जमे सीनियर आईएफएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनवाया गया है। सोमवार को वन मुख्यालय में को वनाग्नि रोकथाम नियंत्रण की कार्यवाही हेतु ली गयी समीक्षा बैठक के क्रम में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड द्वारा ऑन लाइन माध्यम से वनाग्नि की रोकथाम/नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही समीक्षा बैठक आहूत की गयी। इस क्रम में कार्यवाही को प्रभावी बनाने के संबंध में मुख्य रूप से निम्न अनुसार निर्णय/निर्देश दिए गए। सामूहिक रूप से वनाग्नि पर त्वरित रूप से एवं न्यूनतम रिपोर्स टाइम रखते हुए नियंत्रण किया जाए। वनाग्नि नियंत्रण/प्रबंधन में लगे फायर वाचारों का जीवन बीमा कराया जाए। संवेदनशील वन प्रभागों में यदि आवश्यकता हो तो जिलाधिकारी से संपर्क कर तत्काल वनाग्नि नियंत्रण हेतु परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुरूप वायु सेवा/एनडीआरएफ की सहायता ले। यदि किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के शिथिलता प्रकाश में आती है तो उसको चिन्हित करते हुए उचित कार्यवाही की जाए।. वन अग्नि की घटनाओं के नियंत्रण हेतु स्वयं सहायता समूह, महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, वन अग्नि प्रबंधन समितियां आदि को सक्रिय रूप से सम्मिलित किया जाए। चारधाम यात्रा रूट पर मोबाइल टीमें लगाकर वनाग्नि घटनाओं पर 24 घंटे निगरानी रखी जाए एवं जगह जगह पर साइनेज स्थापित कर प्रचार प्रसार व्यापक रूप से किया जाए । वरिष्ठ वन अधिकारियों को जिलेवार नोडल के रूप में वनाग्नि नियंत्रण पर प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित करने हेतु तैनात कर दिया गया है।