बदहाली : डॉक्टर ने किया रेफर,सास ने कराया बहू का प्रसव

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त्यूणी/देहरादून। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर देहरादून जिले की स्थिति दयनीय बनी हुई है। राजकीय अस्पताल त्यूणी लाई गई एक गर्भवती को चिकित्सकों ने संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए हिमाचल प्रदेश स्थित रोहड़ू के लिए रेफर कर दिया। इस दौरान महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ी तो साथ आई सास ने ही अस्पताल में प्रसव कराया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। चकराता ब्लॉक के सुदूरवर्ती कावा ऽेड़ा गांव के रहने वाले नवीन की पत्नी लऽनी को प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उसे निजी वाहन से अटाल बाजार तक लाए और यहां से 108 एंबुलेंस के जरिये राजकीय अस्पताल त्यूणी पहुंचाया। चिकित्सकों ने परिजनों से कहा कि अस्पताल में प्रसव के लिए संसाधन नहीं हैं। वे उसे लेकर रोहड़ू अस्पताल ले जाएं। महिला के पति नवीन ने बताया कि वे लोग रोहड़ू जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि तभी प्रसव पीड़ा तेज हो गई। इस पर नवीन की मां सुमित्र देवी बहू को अस्पताल के ही एक कमरे में ले गईं और प्रसव करा दिया। इसके बाद परिजन जच्चा और बच्चा को लेकर रोहड़ू रवाना हुए। इधर अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि महिला सात माह की गर्भवती थी। प्री-मैच्योर होने के कारण इस अस्पताल में प्रसव कराना संभव नहीं था। संसाधन न होने के कारण महिला को हायर सेंटर के लिए रेफर करना पड़ा। गौर हो कि सूबे की त्रिवेंद्र सरकार भले ही प्रदेश मेें स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरूस्त करने का दावा कर रही हो मगर हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं। गौर हो कि एक के बाद एक घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं को आइना दिऽा रही हैं। लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसरों पर कोई असर नहीं हो रहा है। पहले दून महिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत और फिर अस्पताल से रेफर करने के बाद उसी अस्पताल में बहू की सफल डिलीवरी सास द्वारा किये जाने के मामले से सरकार पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी व्यवस्थायें बदहाल हो चुकी है। दून महिला अस्पताल में आये दिन गर्भवर्ती महिलाओं के उपचार में लापरवाही ही कई शिकायतें आ चुकी है।

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