आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ को किया तैनात: राज्य में वनाग्नि की घटनाएं बढ़कर 606 हुई ,अब तक 196 मुकदमे दर्ज
देहरादून। उत्तराखंड में जंगल की आग ने वन विभाग कर्मचारियों के पसीने छुड़ाए दिए हैं। रविवार को गढ़वाल से कुमाऊं तक आठ जगह जंगल धधके। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक, नैनीताल वन प्रभाग की बडोन और मनोरा रेंज में वन कर्मचारियों के साथ आग बुझाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ;एनडीआरएफद्ध को तैनात किया गया है। जंगल की आग को लेकर वन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, गढ़वाल में वनाग्नि की दो और कुमाऊं में चार घटनाएं हुई हैं, जबकि दो घटनाएं वन्य जीव क्षेत्र की हैं। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में आग की दो घटनाओं में चार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान हुआ है। अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग में वनाग्नि की एक, लैंसडाउन वन प्रभाग में एक, चंपावत वन प्रभाग में एक और सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग में वनाग्नि की एक घटना सामने आई है। इसे मिलाकर राज्य में अब तक वनाग्नि की घटनाएं बढ़कर 606 हो गई हैं। इसमें 220 घटनाएं गढ़वाल और 333 कुमाऊं मंडल की हैं, जबकि 53 घटनाएं वन्य जीव क्षेत्र की हैं, जिससे 735 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जंगलों की आग के मामले में वन विभाग की ओर से शरारती तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पिथौरागढ़ में अब तक सबसे अधिक 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें दो नामजद और 23 अज्ञात शामिल हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा वन प्रभाग में 22 अज्ञात एवं नैनीताल वन प्रभाग में 12 नामजद के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। केदारनाथ वन प्रभाग में आठ अज्ञात, टिहरी में 20 एवं उत्तरकाशी वन प्रभाग में 13 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अब तक 196 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिसमें 29 नामजद और 173 अज्ञात के खिलाफ मुकदमे हैं।
जंगलों में गलों में भड़की आग से अब गांवों पर भी खतरा
गरमपानी। जंगलों में भड़की आग से अब गांवों पर भी खतरा मंडराने लगा है। जंगल से उठी आग की लपटें थापली गांव के नजदीक तक पहुंचने से अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में गांव के लोग सारा काम छोड़ आग बुझाने दौड़े। पांच घंटे तक ग्रामीण आग पर काबू पाने में जुटे रहे। इसी बीच आग बुझाने के लिए नैनीताल से दमकल वाहन मौके पर पहुंचा, तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।रविवार को बेतालघाट ब्लाक के बर्धों क्षेत्र से सटे जंगल से उठी आग की लपटें विकराल होती चली गई। आग की लपटें धीरे-धीरे थापली गांव की ओर बढ़ने से हड़कंप मच गया। हवा के तेज झोंकों से आग की रफ्रतार बढ़ती चली गई। आग के विकराल रूपलेने से थापली गांव के ग्रामीण मुश्किल में आ गए।सारा काम छोड़ ग्रामीण आग को काबू करने में जुट गए। तेज लपटों ने कई बार ग्रामीणों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इस बीच सूचना जिला मुख्यालय स्थित दमकल विभाग को दी गई। ग्रामीणों ने पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग को काबू पाया। इस बीच नैनीताल से पहुंचे दमकल वाहन ने भी आग पर पानी की बौछार कर उसे फैलने से रोका।रामगढ़ ब्लाक के छियोड़ी गांव के किसान ने आग की चपेट में आकर नष्ट हुए बगीचे का मुआवजा दिए जाने की गुहार लगाई है। बीते दिनों जंगल की आग से छियोड़ी गांव के किसान आनंद राम के बगीचे का काफी नुकसान पहुंचाया। बगीचे को हुए नुकसान की भरपाई को किसान आंनद राम ने जिलाधिकारी से मुआवजे की गुहार लगाई है। जिलाधिकारी को भेजे गए ज्ञापन में कहा है कि जंगल से आग ने बगीचे में नाशपाती के डेढ़ सौ, गढ़मेहल व आड़ू के 50-50 तथा खुमानी व पुलम के 20-20 पेड़ जला डाले। आय के एकमात्र साधन बगीचे के नष्ट हो जाने से उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं रविवार दोपहर बाद नैनीताल में पहाड़पानी से सटे जंगलों में लगी आग तेज हवाओं के साथ पूरे जंगल में फैल गई। जंगल में लगी आग को बुझाने में जुटे वन कर्मी और ग्रामीण आग की तेज लपटों के बीच में फंस गए। आग को अपनी ओर बढ़ता देख वन कर्मियों और ग्रामीणों ने भागकर अपनी जान बचाई। उधर, आग से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।