सवालों की बौछार..अतिक्रमण के मुद्दे पर सदन में हंगामा

व्यापारियों एवं प्रदेश के नागरिकों को बेघर करने का आरोप

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देहरादून। विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगमा हुआ। विपक्ष ने अतिक्रमण अभियान के मसले को नियम 310 के तहत लेने की मांग को लेकर हंगामा किया। विपक्ष ने व्यापारियों एवं प्रदेश के नागरिकों को बेघर करने का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तकरार भी हुई। कांग्रेसी विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष समेत तमाम कांग्रेस विधायकों ने प्रभावित व्यापारियों को विस्थापित करने की मांग की। विपक्ष के हंगामें के बीच विस अध्यक्ष ने शांति बनाने को कहते हुए नियम 58 में सुनने की बात कही। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। प्रश्न काल में भी विपक्ष ने सरकार के मंत्रियों पर सवालों की बौछार की। इसके अलावा सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार से योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर को लेकर सवाल पूछे। सदन में प्रेमनगर में रिफ्रयूजी दुकानदारों को उजाड़ने समेत तमाम मुद्दे छाये रहे। प्रश्नकाल में विधायकों ने एससी एसटी में आरक्षण व जानवरों के द्वारा मारे गये लोगों के परिवार को आर्थिक सहायता देने का मामला जोर शोर से उठा। वही पंचायत व निकाय चुनाव में वर्ष 2013 के आधार पर आरक्षण देने के मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेर लिया। प्रश्न काल में विधायकों के सवाल पर विभागीय मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से अलग- अलग प्रकार के मदों में आर्थिक सहायता दी जाती है जिसमें कई चरण है, विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल पर विभागीय मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि नगर पालिका व पंचायतो में भारतीय सविधान के तहत आरक्षण के आधार पर पदों की व्यवस्था है, लेकिन सरकार के सवाल पर विधायक चंदन राम दास, सुरेश राठौर, देशराज कर्णवाल संतुष्ट नही हुये,उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के आधार पर सरकार अगला आरक्षण तय करें, लेकिन विभागीय मंत्री ने गोल मोल जवाब देकर मामला शांत किया। विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने एक सवाल के जबाव में बताया कि प्रदेश में अब तक जानवरों के हमलें से घायल व मृतकों के परिजनों को बकाया 3 करोड़ की राशि एक सप्ताह में वितरित कर दी जायेगी , जिसके कड़े निर्देश दिये गये है। इसके अलावा सदन में नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश ने प्रेमनगर में उजाड़े गये दुकानदार जो पाकिस्तान से रिफ्रयूजी से तौर पर 50 वर्ष पूर्व बसाये गये थे उनकों विस्थापित करने का मुद्दा नियम 310 के तहत उठाया, लेकिन अध्यक्ष ने इसे नियम 58 के तहत सुनने का आश्वासन दिया। जिसके बाद हंगामे के चलते सदन भोजनावकाश तक स्थागित कर दिया।

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