अनिल बलूनी ने दिलायी एक और बड़ी सौगात-सेना के अस्पतालों में आम लोगों को भी ईलाज

केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी सैद्धांतिक सहमति

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देहरादून।उत्तराखंड वासियों के लिये राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने एक और बड़ी सौगात दलायी है। केंद्रीय रक्षा मंत्री से अनुरोध कर उन्होंने प्रदेश के सभी सैनक अस्पतालों में प्रदेशवासियों को भी ईलाज कराने के लिये अनुमति मांगी है। प्रदेश के छावनी क्षेत्रें में तैनात सेना के डॉक्टर अब आम लोगों का इलाज भी करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुऽ और उत्तराऽंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराऽंड की जनता के लिए स्वास्य के क्षेत्र में बड़ी सौगात दी है। शनिवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठक में उन्होंने उत्तराऽंड के सामान्य नागरिकों को भी सेना के चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार देने के लिए अनुरोध किया, जिस पर रक्षा मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दी है। यह फैसला पर्वतीय जनता की स्वास्य सेवा के क्षेत्र में मील का पत्थर होगा। सांसद बलूनी की रक्षा मंत्री के साथ उनके साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में भेंट हुई। बैठक में उत्तराऽंड के उन सैन्य क्षेत्रें (छावनियों) में, जहां सेना के चिकित्सक उपलब्ध हैं, उनके द्वारा राज्य के सामान्य नागरिकों को भी चिकित्सकीय सहायता मिले, इस विषय पर रक्षा मंत्री से भेंट की तथा दुर्गम क्षेत्रें में प्राथमिक स्वास्य की सुविा प्रदान करने पर र्चचा हुई। सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि रक्षा मंत्री ने राज्य के पलायन की स्थिति पर चिंता व्यत्तफ़ करते हुए कहा कि वह स्वयं उत्तराऽंड की परिस्थितियों से अवगत हैं और स्वास्य, शिक्षा तथा रोजगार के लिए निरंतर राज्य से पलायन के कारण चिंतित हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमांतवासियों के लिए स्वास्य की सुविधा प्राथमिक रूप से मिलनी चाहिए। इसके कार्यान्वयन के लिए सेना के संबंधित कमान से र्चचा करेंगी। सांसद बलूनी ने कहा कि सेना के देहरादून, रुड़की, लैंसडाउन, हर्षिल, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, रानीऽेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व धारचूला में सैन्य क्षमता के आधार पर मिलिट्री हॉस्पिटल, फील्ड हॉस्पिटल, सेक्शन हस्पिटल और जनरल हॉस्पिटल कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरित्तफ़ जिला स्तर पर आईसीएचएस क्लीनिक कार्य कर रही हैं। रक्षा मंत्री जी से अनुरोध किया गया कि केवल प्राथमिक उपचार, औषिा और मरहम पट्टðी स्तर की क्लीनिक जो आम नागरिकों के लिए कुछ घंटे दैनिक रूप से सेवा दें ताकि नागरिकों को स्वास्य के क्षेत्र में बड़ी राहत मिल सके।

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