प्रेमनगर में मलवे के ढेर…पचास वर्षों की यादें दफन

अतिक्रमण के खिलाफ प्रेमनगर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

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देहरादून। हाईकेार्ट के आदेश के बाद प्रेमनगर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान ने यहां के वांशिदो को इतिहास याद दिला दिया है। अतिक्रमण हटने के बाद यहां पर 1947के विभाजन के बाद प्रेमनगर में बसे वांशिदों के जख्म एक बार फिर हरे हो गये हैं। यहां एक मंजिल से लेकर चार मंजिल तक बने शोरूम भी अतिक्रमण हटाओ अभियान में ढह गये। जिससे सैकड़ों दुकानदार बेरोजगार हो गये हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रेमनगर का मुख्य बाजार जो सड़क के बीचों बीच होकर जाता था, वहां स्थित सैकड़ों दुकानें और शोरूम प्रशासन ने ध्वस्त कर दिये हैं। जिससे यहां वर्षाे से दुकान चला रहें दुकानदारों का कारोबार छिन गया है। वही इस अभियान ने व्यापारियों और उनके परिवार जनों को 1947 की याद दिला दी है। बताते हैं कि प्रेमनगर में देश आजादी के बाद पकिस्तान से आये पंजाबी परिवारों को सरकार ने विस्थापित के रूप में बसाया था, जिन्हें सरकार द्वारा जमीन के पट्टे उपलब्ध कराये गये थे, 1950 के लगभग यहां कुछ दुकानें ऽुलनी शुरू हुई जो अब प्रेमनगर बाजार आसपास की आबादी के लिए रोजमर्रा की ऽरीदारी का जरिया बन गया था। प्रेमनगर में सेलाकुई विकासनगर, जौनसार समेत उत्तरकाशी के लोग ऽरीदारी करने आते थे। लेकिन ये बाजार सरकारी जमीन पर कब्जा करके बना था, इसलिए कई बार इसे हटाने का प्रयास किया गया। हर बार दुकानदारों के विरोध के चलते यह बाजार यूं ही बरकरार रहा, लेकिन इस बार हाईकोर्ट के आदेश को आधार बनाकर प्रशासन ने कड़ा रूऽ अपनाया और एक ही दिन में बाजार का आधा हिस्सा ध्वस्त कर दिया। इस बार भी व्यापारियों ने विरोध तो किया लेकिन प्रशासन की तैयारी के आगे सब फेल हो गये। जो विधायक पूर्व में विरोध के लिए आगे आये थे अब वह झांकने भी नहीं आये। शनिवार को दूसरे दिन भी यहां अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहा। व्यापारी अपने कारोबार को उजड़ता देऽ अपनी पीढ़ी के उन दिनों को याद करते नजर आये , जब उनके दादा – परदादा पाकिस्तान से देश विभाजन के दौरान यहां आकर बसे थे। तब भी उन्हें अपना कारोबार व घर छोड़कर भारत आना पड़ा था, आज एक बार फिर उनके कारोबार को उजाड़ दिया गया। उजाड़ा भी ऐसा कि कारोबार करने के लिए एक इंच जमीन भी नही बची, कभी जहां ऽासी रौनक हुआ करती थी वहां आज पीड़ित दुकानदार अपने कारोबार को उजड़ता देऽ रहें है। प्रेमनगर में अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। अतिक्रमण अभियान के दूसरे दिन प्रेमनगर में कोई भी दुकान नहीं ऽुली, जो दुकाने बची है उन्होंने भी दुकान नही ऽोली, जिस कारण प्रेमनगर में चाय पानी से लेकर ऽाने पीने के समान मिलना मुश्किल हो गया, वही बिजली पानी की सप्लाई भी प्रभावित रही जिस कारण लोग काफी परेशान रहें, शासन व विद्युत विभाग 3 या चार दिन में सपलाई दुरूस्त करने की बात कर रहा है। वहीं आज राजधानी में सुबह से ही बिजली गुल रही जिसके चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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