हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंट मलिक और फरार मोईद के खिलाफ यूएपीए का मुकदमा दर्ज
पुलिस ने पूछताछ के लिए अब्दुल मलिक को चार दिन की रिमांड पर लिया
हल्द्वानी(उद संवाददाता)। पुलिस ने पूछताछ के लिए अब्दुल मलिक को कोर्ट से चार दिन की रिमांड पर लिया है। पुलिस ने कोर्ट में पूछताछ के लिए अब्दुल मलिक की 10 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने चार दिन की ही रिमांड दी। पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंट अब्दुल मलिक और उसके बेटे पर 16 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अब उन पर गैरकानूनी गतिविधियां ;रोकथामद्ध अधिनियम (यूएपीए) भी लगाया गया है। यूएपीए लगने के कारण आरोपितों को 90 दिन तक जमानत नहीं मिल सकेगी। पुलिस ने आठ फरवरी को बनभूलपुरा में हुए उपद्रव में अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद के खिलाफ बनभूलपुरा थाने में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 395, 323, 332, 341, 342, 353, 427 और 436 में मुकदमा दर्ज किया। इसके साथ उन पर उत्तराखंड लोक संपत्ति अधिकार अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां ;रोकथामद्ध अधिनियम ;यूएपीएद्ध के तहत मुकदमा दर्ज किया था। गैर कानूनी गतिविधियां ;रोकथामद्ध अधिनियम के तहत आरोपी को तीन महीने तक जमानत नहीं मिलती है। इसके बाद कोर्ट चाहे तो जमानत दे सकती है। ये ही धाराएं अब्दुल मोईद सहित नामजद आरोपियों पर भी लगाई गई हैं। पुलिस यह रिमांड पूरी होने के बाद दोबारा अब्दुल मलिक को रिमांड पर लेगी। अब्दुल मलिक बनभूलपुरा उपद्रव का मास्टरमाइंड है। उसके खिलाफ यूएपीए सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने शनिवार को अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्रतार किया था। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। सोमवार को पुलिस कोर्ट पहुंची। पुलिस ने अब्दुल मलिक को पूछताछ के लिए कोर्ट से अब्दुल मलिक की 10 दिन की रिमांड मांगी। कोर्ट ने पुलिस को चार दिन की रिमांड दी। अब पुलिस अब्दुल मलिक को नैनीताल जेल से लाएगी और उससे पूछताछ करेगी। सूत्रों के अनुसार पुलिस अब्दुल मलिक को उसके दिल्ली और अन्य ठिकाने भी पूछताछ के लिए साथ ले जा सकती है। सूत्रा बताते हैं कि उपद्रव से पहले और उपद्रव के बाद अब्दुल मलिक कहां-कहां गया था, इसकी जानकारी भी पुलिस लेगी। अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद और साफिया के बारे में भी पूछताछ कर सकती है। झूठा शपथ पत्रा देने के मामले में सवालों की फेहरिस्त पुलिस के पास हैं। इन चार दिनों में अगर पूछताछ अधूरी रही तो पुलिस दोबारा अब्दुल मलिक की रिमांड बढ़ाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।