विधानसभा में बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाये जाने को लेकर कांग्रेस के तीनो विधायक रखेंगे प्रस्ताव : हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित दिग्गज नेताओं ने ढोल दमाऊ बजाकर किया जमकर प्रदर्शन: बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव बनाये जाने सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर रैली निकाल मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा
हल्द्वानी (उद संवाददाता) । बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव बनाये जाने सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर बिन्दुखत्ता संघर्ष समिति ने बुधवार को विशाल प्रदर्शन करते हुए बिन्दुखत्ता शहीद स्मारक से लालकुआँ तहसील तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, भाकपा माले नेता इंद्रेश मैखुरी सहित बड़ी संख्या में दिग्गज नेताओं ने शिरकत की। प्रदर्शन में बिन्दुखत्ता संघर्ष समिति ने अपने 10 सूत्रीय मांग पत्र जिसमे बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने, गौला नदी में तटबंध निर्माण, आवारा पशुओं पर रोक लगाने, बिंदुखत्ता में विद्युत पोल व ट्रांसफार्मर लगाने, शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के नाम से स्वीकृत मिनी स्टेडियम का शीघ्र निर्माण कराने, घोड़ानाले को भूमिगत करने एवं घोड़ानाला बिंदुखत्ता में ओवरहेड टैंक व नलकूप लगाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के अलावा बिंदुखत्ता के सभी हाथी कॉरिडोरों को निरस्त करने की मांग को लेकर एसडीएम परितोष वर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। वही पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यहाँ पहुँचे कांग्रेस के तीनो विधायक विधानसभा में बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाये जाने को प्रस्ताव रखेंगे साथ ही हम भी 27 फरवरी को विधानसभा के बाहर इन्ही मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। पिछले 7 साल से राज्य के खत्तों, गोटों, पड़ावों, खालों में रहने वाले लोगों का जीवन कठिनतर होता जा रहा है। राज्य सरकार ने बिंदुखत्ता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण घोषित किया है और एक सरकारी सूची जिसमें इनको अतिक्रमणकारी बताया गया है, सरकार द्वारा अब भी उसको वापस नहीं लिया गया है। दूसरी तरफ इन बसासतों में रहने वाले लोग राजस्व गांव के दर्जे की मांग कर रहे हैं और इनके साथ पथरी बाग 1,2,3, 4 में रहने वाले भाई बहन भी भूमि धरी अधिकार मांग रहे हैं। गैंडीखत्ता में बसाये गये वन गुर्जर भाई भी भूमि धरी अधिकार मांग रहे हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको पिछले कुछ वर्षों के अंदर अतिक्रमणकारी बताकर उनसे उनकी रोजी-रोटी छीनी गई है। बिन्दुखत्ता, उत्तराखंड की शान और अभिमान, दोनों हैं। यह खत्ते गोट आदि एक परंपरागत उत्तराखंड का दिग्दर्शन कराते हैं। हमारी उत्तराखंड की पहचान, किसी भी सरकार को इसको छीनने और कमजोर करने का हक नहीं दिया जा सकता है। कल 21 फरवरी को बिन्दुखत्ता वासियों ने राजस्व गांव के लिए हुंकार भरी, हम भी उसमें सम्मिलित हुये। हमने उसमें तय किया है कि उनकी इस हुंकार को हम देहरादून में ललकार में बदलेंगे और विधानसभा के सामने दिनांक – 27 फरवरी, 2024 को दोपहर 12 बजे, इंडिया एलायंस के सहयोगियों के साथ मिलकर एक धरना आयोजित किया जाएगा। हम सब लोग प्रातः 11 बजे होटल हिम पैलेस के निकट इकट्ठा होंगे और और वहां से विधानसभा की ओर चलेंगे और मार्ग में एक स्थान पर धरने पर बैठेंगे।