उपनल कर्मियों के लिए कोई गारंटी नहीं..मुझे विश्वास है आज की सरकार उपनल कर्मियों की मांगों का समाधान निकालेगी : हरीश रावत
देहरादून। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़कों पर उतरें उपनल कर्मियों के समर्थन देने पूर्व सीएम हरीश रावत भी प्रदर्शन में शामिल हुए और धरने पर बैठे। इस दौरान उन्होंने राज्य की धामी सरकार से उपनल कर्मियों की न्यायोचित मांगों पर शीघ्र कदम उठाने की गुहार लगाई। पूर्व सीएम हरीश रावत ने उपनल कर्मियों की मांगों के समर्थन में 1 घंटे का मौन उपवास, परेड ग्राउंड देहरादून में उपनल कर्मियों के बीच पहुंचकर अपना मौन व्रत तोड़ा एवं पत्रकार साथियों से बातचीत की। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि मैं केवल मुख्यमंत्री आवास या विधानसभा कूच पर भाग लेता हूं आज सुबह मैंने जब समाचार पत्र में पढ़ा है कि उपनल कर्मियों ने कहा है कि हमारी अनसुनी हुई है हम मतांतरण करेंगे, यह उनकी व्यथा की पराकाष्ठा है। जहां पर काम कर रहे हैं वहां काम करते रहेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। मनमाने तौर पर उनको हटा दिया जाता है। भविष्य के लिए कोई योजनागत सुरक्षा नहीं है। आज मानदेय नाममात्र का, काम का बोझ सर्वाधिक। कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपनी सरकारी सेवा अवधि का एक तिहाई हिस्सा इसी अनिश्चितता में काट दिया है। मैं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नागरिक के तौर पर अपने को उपनल कर्मियों की भावना के साथ जोड़ने से रोक नहीं पाया। मैं उनके कूच के प्रारंभ में उनके बीच पहुंचा और उनसे कहा कि यह केवल एक सरकार की समस्या नहीं है, पूरे राज्य के लिए चुनौती है। मुझे विश्वास है कि आज की सरकार उपनल कर्मियों की मांगों का समाधान निकालेगी। दो रास्ते हैं, पहला जो माननीय हाईकोर्ट ने दिखाया है। दूसरा रास्ता है जो 2016 में तत्कालीन सरकार ने प्रस्तावित किया है, आज की सरकार को दोनों को केंद्र बिंदु मानकर थोड़ा संशोधन के तहत समाधान निकालना चाहिए। आशा है श्री सीएम पुष्कर सिंह धामी जी स्वयं उपनल कर्मियों के भावना की गहराई का संज्ञान लेंगे।