सिलक्यारा सुरंग में अंदर 65 मीटर तक फैला हुआ है मलबा,विशेषज्ञों ने किया निरीक्षण
उत्तरकाशी । उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में आए भूस्खलन के मलबे को हटाने में स्विस कंपनी लोम्बार्डी इंजीनियरिंग लिमिटेड मदद करेगी। कंपनी के कुछ विशेषज्ञों ने सुरंग में आए मलबे का निरीक्षण किया है। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों ने भूस्खलन के मलबे को हटाने के लिए स्विस कंपनी लोम्बार्डी की मदद लिए जाने की पुष्टि की है। यह मलबा सुरंग का निर्माण कार्य शुरू करने में भी बाधा बना हुआ है। हादसे के कारण दो माह तक सुरंग का निर्माण कार्य बंद रहा। बीते 23 जनवरी को ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संंस्था एनएचआईडीसीएल को सुरंग निर्माण शुरू करने की अनुमति दी। जिसके बाद पोलगांव बड़कोट छोर से तो डी-वाटरिंग के बाद सुरंग निर्माण शुरू कर दिया गया है। लेकिन सुरंग में आए मलबा अंदर 65 मीटर तक फैला हुआ है। जिसके कारण सुरंग का मुंह बंद होने के कारण सिलक्यारा छोर से निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है। अब खबर है कि कार्यदायी संस्था मलबे को हटाने के लिए स्विस (स्विटजरलैंड) की कंपनी लोम्बार्डी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की मदद लेने जा रही है। इस कंपनी का कार्यालय नई दिल्ली में भी स्थित है। पिछले दिनों कंपनी के कुछ इंजीनियरिंग विशेषज्ञों ने सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग में गिरे भूस्खलन के मलबे का जायजा लिया। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षात्मक कार्य लगभग पूरे कर लिए गए हैं। इसे बाद डी वाटरिंग शुरू की जाएगी। जिसके बाद मलबा हटाने का काम शुरू होगा। जिसके लिए विदेशी कंपनी लोम्बार्डी की मदद ली जा रही है।