मनमानी: 236 निजी स्कूलों ने किया नियमों का उल्लंघन
देहरादून। प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा एनसीईआरटी किताबों के अलावा महंगी किताबे लगाये जाने के मामले में 236 स्कूल रडार पर है। प्रदेश सरकार ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है और इन स्कूलों को नोटिस देने की शीघ्र कार्रवाई की जायेगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देश पर की गई विभागीय जांच में ये तथ्य सामने आए हैं। इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने गत दिवसे सचिवालय में निजी स्कूलों में महंगी पाठड्ढपुस्तकें भी लगाए जाने की शिकायतों की जांच को नामित नोडल अधिकारियों की ओर से तैयार की गई जांच रिपोर्ट और विभागीय कार्याे की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारियों द्वारा सौपी गई अपनी जांच रिपोर्ट में सामने आया कि हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के निजी स्कूलों द्वारा सरकार के आदेशों को हवा में उड़ाते हुये महंगी किताबे बच्चों पर थोपी गई है। जांच रिपोर्ट में हरिद्वार में 77, देहरादून में 53, नैनीताल में 77 और ऊधमसिंह नगर जिलों में 19 स्कूलों का जिक्र किया गया है जिन्होंने एनसीईआरटी के अतिरित्तफ़ अन्य प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें लागू की गई हैं। इन स्कूलों द्वारा पुस्तकों की सूची को अपनी वेबसाइट में अपलोड भी नही कर रखा है। करीब 70 प्रतिशत निजी स्कूल अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहे है। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि निजी स्कूलों को अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए जिन अनुबंधो और शर्तो का पालन करना होता था उनका पालन भी निजी स्कूलों द्वारा नही किया गया है। यही नही निजी स्कूल शिक्षा महकमे से नामित अधिकारियों को प्रबंध समिति में शामिल नहीं कर रहा है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि यह सीधे तौर पर उच्च न्यायालय की अवमानना है और हाईकोर्ट की अवमानना और अनापत्ति प्रमाणपत्र को लेकर उत्तफ़ स्कूलों को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही विभागीय कार्रवाई की जानकारी भी उच्च न्यायालय को दी जायेगी। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में शिक्षा के व्यवसायीकरण को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे स्कूलों के िऽलाफ नियमित रूप से शिक्षा विभाग की समिति अपनी जांच जारी रऽेगी। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षिक सत्र में एनसीईआरटी की पुस्तकों की कमी न हो इसके लिये हरसम्भव प्रयास होंगे। पुस्तकें समय पर स्कूलों में उपलब्ध हों। उन्होंने इस संबंध में शीघ्र एनसीईआरटी के अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।