‘रंग लाए’ धामी के प्रयास, ‘उत्तराखंड’ में बेरोजगारी दर 3.5 प्रतिशत घटकर 4.9 प्रतिशत पर पहुंची ‘बेरोजगारी दर’

0

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण की ताजा रिपोर्ट में सामने आई बदलते उत्तराखंड की तस्वीर ,रोजगार सृजन के लिए किए गए प्रयास अब देने लगे परिणाम, राज्य में बढ़े रोजगार के अवसर बेरोजगारी दर 3.5 प्रतिशत घटकर 4.9 प्रतिशत पर पहुंची
रूद्रपुर। सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखंड में बेरोजगारी दूर करने एवं नए रोजगार अवसरों का सृजन करने की दिशा में किए जा रहे  प्रयास अब रंग लाने लगे हैं और राज्य में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा कराए गए एक सर्वे में बेरोजगारी की दर में 3.5 प्रतिशत की भारी एवं उत्साह जनक कमी दर्ज की गई है।इतना ही नहीं ,प्रदेश में श्रम बल की भागीदारी में भी 4.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही सूबे में मातृशक्ति को काम मिलने की दर भी बढ़कर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 60.01प्रतिशत हो गई है। बताना होगा की प्रदेश की धामी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में उत्तराखंड की आर्थिक समृद्धि एवं राज्य वासियों के जीवन स्तर को बेहतर करने पर खास फोकस कर रही है और इसके लिए सरकार द्वारा तमाम क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रयास किया जा रहे हैं, जिसके चलते राज्य में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं ।खास तौर पर औद्योगिक निवेश एवं प्राथमिक क्षेत्र को आगे बढ़ाने के प्रयास के चलते सर्विस सेक्टर आदि में आजकल खूब काम मिल रहा है। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे से निकले वर्ष 2022-23 के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 1 वर्ष में उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर घटी है और लोगों के लिए रोजगार के मौके बढ़े हैं ।खास तौर पर महिलाओं की भागीदारी के ग्राफ में तो उत्साहजनक उछाल देखा गया है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय श्रमिकों की ताजा स्थिति का आंकलन करने के लिए निश्चित समयांतराल में आवधिक श्रम बाल सर्वेक्षण ;पीएलएफएसद्ध करवाता है। हाल ही में इसके राज्यवार और आंकड़े जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों में उत्तराखंड के भीतर लोगों को रोजगार मिलने के मामलों में बेहतरीन सुधार देखने को मिला है। सर्वेक्षण के ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर 8.4 प्रतिशत थी, जो कि चालू वित्त वर्ष अर्थात 2022-23 में घटकर 4।9 रह गई है ।इस लिहाजा से पिछले 1 वर्ष में बेरोजगारी दर में 3.5 प्रतिशत की गिरावट देखने में आई है। वर्ष 2021-22 में जहां उत्तराखंड में श्रम बल की भागीदारी 55.9 प्रतिशत थी ,वही अब श्रम बल की भागीदारी 2022-23 में 4.2 प्रतिशत के इजाफे के साथ 60.01 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सर्वेक्षण के ताजा आंकड़े मातृशक्ति के लिहाज से भी बेहद सुखद हैं। वर्ष 2021-22 में उत्तराखंड में महिला श्रम बल की भागीदारी जहां केवल 34.6 प्रतिशत थी ,वही अब यह भागीदारी 1 वर्ष में ही अर्थात 2022-23 में 41.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है ।स्पष्ट है कि महिला श्रम बल की भागीदारी में इस वर्ष 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। खास बात यह है कि रोजगार के अवसर शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी समान रूप से बढ़े हैं। कुल मिलाकर आंकड़ों से मिल रहे संकेत इस बात का साफ इशारा कर रहे हैं कि ताजा आंकड़ों की बुनियाद पर उत्तराखंड रोजगार सृजन की एक बेहतर इबारत लिखेगा और राज्य में आने वाले सालों में भी रोजगार मिलने की दर में उल्लेखनीय प्रगति होगी। राज्य में बेरोजगारी की दर घटने से उत्साहित राज्य के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मीडिया को बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा बुनियादी सुविधाओं सहित उद्योग व प्राथमिक क्षेत्र एवं सर्विस सेक्टर आदि में रोजगार सृजन के लिए गंभीर प्रयास किया जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि ताजा सर्वेक्षण में रोजगार के अवसर बढ़ाने के उत्साह जनक नतीजे सामने आए हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.