श्री राम मंदिर में प्रवेश पर नियम लागू: भारतीय परंपरा के अनुसार पहने वस्त्र, मोबाइल और पर्स ले जाने पर रोक
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 7000 से अधिक मेहमानों को समारोह का निमंत्रण दिया
आयोध्या। आयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना है। देश के कोने-कोने से कई अतिथि इसमें शामिल होने के लिए आएंगे। ऐसे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अतिथियों के लिए कुछ नियम जारी किए हैं। समारोह में प्रवेश करने वाले महानुभावों को कुछ नियमों का पालन करना होगा। इसके आधार पर ही आगंतुकों को प्रवेश दिया जाएगा। बता दें कि अभी तक ट्रस्ट की ओर से 7000 से अधिक मेहमानों को समारोह का निमंत्रण दिया गया है। राम मंदिर में प्रवेश के दौरान कोई भी अतिथि मोबाइल और पर्स नही ले जा सकेगा। गैजेट्स को ले जाने की भी इजाजत नहीं होगी। इसमें ईयर फोन और रिमोट वाली चाबी भी शामिल है।इसी के साथ समारोह में बड़ी संख्या में देशभर से संत और धर्माचार्य भी आएंगे। इन्हें अपने साथ पारंपरिक रुप से छत्र, चंवर, ठाकुर जी, सिंहासन और गुरु पादुका ले जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। सभी अतिथियों को सुबह बजे से पहले ही समारोह स्थल पर प्रवेश लेना होगा। किसी भी विशिष्टजन और धर्माचार्य के साथ सुरक्षाकर्मी या फिर उनके शिष्य और सेवक अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यजमान के रुप में प्राण प्रतिष्ठा की सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिसर से चले जाने पर ही आगुंतक मेहमानों को रामलला के दर्शन मिलेंगे। भारतीय परंपरा के अनुसार वस्त्र धारण कर आने की प्राथमिकता देने की भी अपेक्षा की गई है। हालांकि, ट्रस्ट की ओर से कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है।