वाहन चालकों की हिट एंड रन मामले में तीन दिवसीय से हड़ताल यात्री हलकान
रूद्रपुर/हल्द्वानी/कालाढुंगी (उद संवाददाता)। केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन मामले में नया कानून पारित करने की मुखालफत तेज हो गई है। इसका कई हिस्सों में देखा जा रहा हैं। नये कानून के खिलाफ प्रदेश के समस्त रोडवेज चालकों, प्राईवेट बस चालकों सहित अन्य व्यवसायिक वाहनों की आज से प्रारम्भ हुई तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन यात्रियों को काफी परेशानियों से गुजरना पडा। वहीं अंडरटेकिंग रोडवेज चालक यूनियन ने रोडवेज परिसर में इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर बसों का चक्का जाम कर दिया। उन्होंने कहा कि यह काला कानून सभी वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब रहेगा। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रदर्शन करने वालों में सुभाष चन्द्र, अनिल कुमार, कुलंवत चन्द्र, राजीव, आदेश कुमार, कुंवर पाल, राकेश, दीप पाण्डेय, जसवीर सिंह, ब्रजलाल, अमित कुमाीर, महेन्द्र, नीरज, शाहिद व ज्ञान सिंह आदि मौजूद थे।
हल्द्वानी-केन्द्र सरकार द्वारा हिट एण्ड रन मामले में लाये जा रहे कानून के खिलाफ आज यहां सभी यात्री वाहन चालकों द्वारा किये गये चक्का जाम हड़ताल से लोगों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा। प्रातः प्रतिदिन शहर के आसपास नगरों में रोजगार के लिए जाने वाले हजारों लोग वाहनों की तलाश में इधर उधर भटकते रहे। रोडवेज डीपों में बसों के न होने सैकड़ों यात्री मुख्य मार्ग पर वाहनों का इंतजार करते रहे। लेकिन उन्हें न तो कोई टैक्सी मिल रही थी और न ही कोई अन्य साधन। इस कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश की बसों के भी यहां न आने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई थीं। आलम यह था कि रोडवेज से लेकर रामपुर रोड में बेलबाबा मंदिर तक और बरेली रोड़ में लालकुंआ तक हजारों लोग वाहनों का इंतजार करते देखे गये। हड़ताल के कारण आज सैकडों नौकरीपेशा लोग काम पर जाने से वंचित रह गये।
कालाढूंगी – नये कानून को लेकर कालाढूंगी, बाजपुर, काशीपुर रूट पर चलने बाली प्राइवेट बसों के चालकों ने हड़ताल कर कानून को वापस लेने की मांग की। सोमवार को कालाढूंगी दा ट्रक फेलफेयर एसोसिएशन गुलजारपुर बंकी निगम के चालकों व मोटर मालिक के द्वारा हड़ताल कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध जताया। इस दौरान मोटर मालिक व चालकों का कहना था कि ड्राइवर हादसा होने के बाद मोटर छोडकर नहीं जाते हैं। लेकिन भीड़ से बचने के लिए वाहन छोड़कर जाना पड़ता है। जनाक्रोश के चलते चालकों की जान तक चली जाती है। ऐसे में सरकार को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि दुर्घटना के बाद नहीं भागने वाले ट्रक चालक को भीड़ के कोपभाजन से बचाने के लिए भी कारगर उपाय हांे। उन्होंने कहा जैसा कि वर्तमान में चालक की थाने से जमानत हो जाती है और अधिकतम दो साल की सजा है। जबकि, संशोधित कानून में वाहन ड्राईवर को अधिकतम 10 साल की सजा और 7 लाख जुर्माने का नया कानून पारित किया गया है। इस कानून में संशोधन किया जाए। इस दौरान सचिव नदीम अहमद, वसीम, ओम प्रकाश,अली,नाजिम,चांद, फिरासत, साजिद, प्रेम, नजीर, दाऊद, मुस्तकिम, अमित, फिरसात,साबा,जग्गू , प्रेम सिंह, कसमीर, असरफ, सलीम, जुनेद, कपिल, आदि ट्रक मालिक मौजूद थे।