सिल्क्यारा में छायी खुशी की लहर: सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाले जा रहे हैं 400 घंटे से फंसे 41 मजदूर ….श्रमिकों तक पहुंचा पाईप,सुरंग के बाहर एंबुलेंस तैनात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा: बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने का कार्य पूरा हो चुका है
उत्तरकाशी(दर्पण ब्यूरो)। सिलक्यारा सुरंग में मैन्युअल ड्रिलिंग लगभग पूरी हो चुकी है। एनडीआरएफ की टीम सुरंग के मुहाने पर पहुंची है। वहीं एक एंबुलेंस भी सुरंग के अंदर से निकली है। टीम ने अब मजदूरों को त्वरित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए वहां एंबुलेंस को भेज दिया है। यहां चार 108 एम्बुलेंस सिलक्यारा सुरंग के मुहाने पर पहुंची हैं। एसडीआरएफ के जवान सुरंग के अंदर ही 17 दिनों से फंसे श्रमिकों के मेडिकल चेकअप के लिए बेड लेकर जा रहे हैं।सीएम धामी ने मजदूरों का स्वागत करने के लिए 41 फूल मालायें मंगवाई गई है। दीपावली पर्व के दिन सुबह से सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों के सुरक्षित बचाव के लिए प्रार्थना की जा रही है। सोमवार को यहां हवन पूजा का आयोजन किया गया। भारी संख्या में पहुंचे लोग श्रमिकों की सलामती के लिए अपने इष्ट देवता बौखनाग देवता से मनोकामना कर रहे है साथ वहां भव्य मंदिन बनाने की भी अपील गई है। ग्रामीणों के अनुसार रेस्क्यू ऑपरेशन में अब कोई विघ्न और बाधा नहीं आऐगी और मजदूर भी सुरक्षित बाहर आ जायेगे।फोल्डिंग बेड के साथ तकिए और गद्दे भी पहुंचाए जा रहे हैं। सिलक्यारा टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है । फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी स्थान पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में 8 बेड एवं डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं।वहीं सिल्क्यारा में श्रमिकों को बाहर निकालने की खबर मिलने से खुशी की लहर छा गई है। लोगों ने बाबा बौखनाग देवता की जय जयकार करते हुए पिछले 17 दिनों से दिन रात जद्दोजहद में जुटी हुई केंद्र और राज्य सरकार की रेस्क्यू एजेंसियों के अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया है। देशभर से पहुंची राष्ट्रीय एवं स्थानीय मीडिया कर्मियों के साथ ही क्षेत्रवासियों का जमावड़ा लगा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन के नोडल अधिकारी सचिव डॉ. नीरज खैरवाल व एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि मैन्युअल ड्रिलिंग करीब 56 मीटर तक कर ली गई है। जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, सुरंग में अब दो से तीन मीटर ड्रिलिंग ही बची है। हम शाम पांच बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। श्रमिकों की सलामती के लिए सुरंग के पास लोग पूजा पाठ भी कर रहे हैं। बाबा बौखना के मंदिर के पास लोग हवन पूजा कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नाेल्ड डिस्क भी पूजा में शामिल हुए। रेस्क्यू टीम अब श्रमिकों से केवल तीन मीटर ही दूर है। कर्नल राहत एवं बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि मैन्युअल ड्रिलिंग 53.9 मीटर तक हो गई है। 57 मीटर पर ब्रेकथ्रू होने की उम्मीद है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए छह सदस्यीय रैट माइनर्स की टीम भी पहुंची है। सोमवार शाम सात बजे से सेना की मदद से टीम ने हाथ से खोदाई शुरू कर दी। अब तक एक मीटर पाइप आगे बढ़ाया जा चुका है। ऑगर मशीन के फेल होने के बाद हाथ से खोदाई कराने का फैसला किया गया है। पहाड़ के ऊपर से भी खोदाई का काम चल रहा है। अब तक 36 मीटर से अधिक की खोदाई की जा चुकी है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण करने वाली सेना की इकाई सीमा सड़क संगठन ;बीआरओद्ध के पूर्व मुख्य इंजीनियर और बचाव अभियान में जुटे लेफ्रिटनेंट जनरल ;सेवानिवृत्तद्ध हरपाल सिंह ने बताया कि 36 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। गौरतलब है कि रैट माइनिंग आमतौर पर कोयला उत्खनन के लिए किया जाता है, खासकर ऐसी जगहों पर जहां मशीन जाने के लिए जगह नहीं होती। रैट माइनर्स टीम के सदस्य मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। उनमें से एक ने कहा, हम भी मजदूर हैं और सुरंग में फंसे लोग भी मजदूर हैं। वे हमारे भाई हैं और हम जल्द से जल्द उन्हें बाहर लाना चाहते हैं।
धामी ने बौखनाग मंदिर में की पूजा
उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने टनल के प्रवेश द्वार पर स्थित बाबा बौखनाग के मंदिर में पूजा अर्चना कर सभी श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना की। फंसे हुए 41 मजदूरों के परिजनों को तैयार रहने और मजदूरों के कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा गया है। मजदूरों को रेस्क्यू कर बाहर निकालकर चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा। सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा है कि बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।