सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में दस मीटर दूरी शेष : सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को आज रात तक बाहर निकाल लिया जाएगा
मजदूरों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अस्पताल को अलर्ट मोड में रखा गया
उत्तरकाशी(उद संवाददाता)। सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को आज रात तक बाहर निकाल लिया जाएगा। रेस्क्यू के लिए चलाया जा रहा अभियान अब अपने अंतिम चरण में है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए केवल करीब दस मीटर दूरी शेष रह गई है। जिसे शाम तक तय कर लिया जाएगा। टनकल के बाहर मजदूरों के लिए एंबुलेंस तैनात की गयी है। साथ ही मजूदरों को जरूरत पड़ने पर एयरलिफ्ट भी किया जाएगा। गुरूवार को मुख्यमंत्री ने टनल के भीतर पहुंचकर जायजा लिया। उन्होंने सुरंग में फंसे हुए मजदूरों से बात भी की। साथ ही सीएम ने टनल के पास स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। वहीं सीएम धामी से प्रधानमंत्री ने आज पुनः फोन पर बातचीत कर अपडेट लिया। सीएम धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से पीएम मोदी को अवगत कराया। बताया कि प्रधानमंत्री को मौके पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल के लिए चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिए जाने की जानकारी भी दी। वहीं केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग के भीतर जायजा लिया।उन्होंने सुरंग में फंसे श्रमिकों से बात भी की। वहीं एनडी आरएफ के डीजी अतुल करवाल ने बताया कि आखिरी पाइप को वेल्ड किया जा रहा है। अगर कोई बाधा न आई तो शाम तक ऑपरेशन सिलक्यारा पूरा हो जाएगा। पाइप पार होने के बाद पहले उनके जवान उसका निरीक्षण करेंगे। इसके बाद पहियों वाले स्ट्रेचर से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी सुरंग के भीतर पहुंच गई है। मजदूरों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अस्पताल को अलर्ट मोड में रखा गया है। मजदूरों के लिए ऋषिकेश एम्स में 41 बेड सुरक्षित रखे गए हैं। वहीं ट्रामा सेंटर में 20 बेड आरक्षित रखे गए हैं। आईजी गढ़वाल रेंज के.एस. नागन्याल ने बताया कि फंसे हुए श्रमिकों को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से घटना स्थल से अस्पताल तक ले जाएंगे। डॉक्टर की सलाह पर, यदि फंसे हुए लोग गंभीर स्थिति में हुए तो हम उन्हें एयरलिफ्ट भी कर सकते है। यदि उन्हें बेहतर चिकित्सा सहायता की आवश्यकता महसूस होती है, तो उन्हें ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा।