शिलान्यास कार्यक्रम के बहाने तराई के कद्दावर कांग्रेस नेता बेहड़ ने विरोधियों को कराया ताकत का अहसास
कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ से गदगद नजर आये बेहड़, जनता का जताया आभार
रूद्रपुर। पूर्व मंत्री एवं तराई के कद्दावर कांग्रेस नेता तिलकराज बेहड़ ने गत दिवस किच्छा में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम के बहाने एक बार फिर विरोधियों को अपनी ताकत का अहसास करा दिया। उन्होंने न सिर्फ विपक्षी नेताओं को अपनी ताकत का अहसास कराया बल्कि अपनी ही पार्टी के दूसरे गुट को भी आईना दिखाया। हालाकि शिलान्यास कार्यक्रम की लम्बी तैयारी नहीं थी इसके बावजूद कार्यक्रम में जो भीड़ उमड़ी उससे जहां बेहड़ गदगद नजर आये तो वही उनके विरोधियों के हौंसले पस्त हो गये। चार बार रूद्रपुर से विधायक रहे तिलकराज बेहड का जलवा आज भी कायम है,इसका अहसास लोगों को कल किच्छा में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ से हो गया है।
बेहड़ ने इस जनसभा के माध्यम से एक तीर से कई निशाने साधे। विधानसभा चुनाव के दौरान ही विधायक बेहड़ का स्वास्थ्य खराब हो गया था। इसके बावजूद वह चुनावी दंगल में पूरी ताकत के साथ जुटे रहे और मोदी लहर के बावजूद किच्छा के सिटिंग विधायक राजेश शुक्ला को धूल चटा दी। चुनाव जीतने के बाद लम्बे समय तक बेहड़ को उपचार के लिए दिल्ली में रहना पड़ा। जिसके चलते बेहड़ जनता का आभार व्यक्त करने के लिए कोई बड़ा आयोजन नहीं कर पाये थे। रविवार को कुछ नये विकास कार्यों का शिलान्यास करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को उन्होंने विशाल जनसभा का रूप दिया। इसके पीछे बेहड़ का मकसद विकास कार्यों का शिलान्यास तो था ही लोगों का आभार व्यक्त करना भी था। हालांकि इस आयोजन के लिए कोई बहुत बड़ी तैयारी नहीं की गयी थी। फिर भी बेहड़ की लोकप्रियता के चलते जनसभा में उम्मीद से कहीं अधिक भीड़ उमड़ पड़ी। जनसभा में उमड़ी इस भीड़ से विरोधियों को भी इस बात का अहसास हो गया कि तराई में बेहड़ का वर्चस्व अभी कम नहीं हुआ है। बेहड़ ने इस जनसभा के माध्यम से सत्ता पक्ष के साथ ही अपने ही संगठन के कुछ नेताओं को भी ताकत का अहसास करा दिया। बता दें पार्टी में पिछले लम्बे समय से बेहड़ की उपेक्षा हो रही है। संगठन के ही कुछ लोग उन्हें नीचा दिखाने और उन्हें हाशिये पर धकेलने की कोशिशों में लगे हुए हैं। जिसके चलते तराई में पार्टी लगातार कमजोर हो रही है। बेहड़ ने इस जनसभा से अहसास करा दिया कि तराई में अगर कांग्रेस को मजबूत करना है तो बेहड़ की उपेक्षा भारी पड़ेगी। जनसभा में बेहड़ को सुनने के लिए लोग अंत तक जनसभा स्थल पर ही डटे रहे। भीड़ का आलम यह था कि सभा स्थल पर लगाई गयी कुर्सियां कम पड़ गयी। जिसको देखते हुए कार्यकर्ताओं ने तुरंत ही और कुर्सियों का इंतजाम किया। पूरा टैक्सी स्टैंड खचाखच भरने के बाद कुर्सियां बाद में सड़क पर भी लगानी पड़ी। बेहड़ ने इस सभा में आदित्य चौक, अंबेडकर चौक, हल्द्वानी रोड पर एक करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले तीन द्वारों का शिलान्यास करने के साथ ही किच्छा के लिए भविष्य में फायर बिग्रेड, स्टेडियम, इनडोर बैडमिंटन कोर्ट, बालिका इंटर कालेज के साथ ही पंतनगर के कर्मचारियों को 15 हजार रूपये प्रतिमाह दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंकने का भी ऐलान किया। बेहड़ ने अपनी इस जनसभा के माध्यम से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी को भी मजबूत कर दिया है। माना जा रहा है कि आगामी लोक सभा चुनाव में बेहड़ इस सीट से ताल ठोंक सकते हैं। इस सीट पर हाल ही में कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, खटीमा विधायक भुवन कापड़ी, हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की थी। जबकि पूर्व सांसद महेन्द्र पाल का नाम पहले ही दौड़ में शामिल है। अब इस सीट पर बेहड़ भी टिकट की दौड़ में शामिल हो चुके हैं, हालाकि बेहड़ ने इसका खुला ऐलान नहीं किया है लेकिन जनसभा में उनकी ताकत का अहसास होने से अब उनकी दावेदारी भी अहम हो गयी है। कुल मिलाकर बेहड़ ने कल आयोजित जनसभा के माध्यम से एक बार फिर साबित कर दिया कि तराई में उनकी बादशाहत अभी कायम है।