कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी के चलते रूद्रपुर में अपना वजूद तलाश रही एनएसयूआई

0

रूद्रपुर (उद संवाददाता)। किसी भी पार्टी की युवा इकाई को संगठन की नींव मानकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा हमेशा उनको प्रोत्साहित किया जाता रहा है। समाज ही नही बल्कि सभी संगठनों और कार्यक्रमों में युवाओं का अपना महत्व होता है। यदि किसी संगठन में युवाओं की उपेक्षा होने लगे तो उस संगठन का हशिये पर जाना लगभग तय होता है। देश की सभी राजनैतिक पार्टी भाजपा ने इसका महत्व समझते हुये हमेशा युवाओं को आगे लाने का प्रयास किया और अपने महत्वपूर्ण आनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय परिषद को सहयोग कर उससे जुड़े छात्रों को हमेशा आगे लाने का प्रयास किया जाता रहा। मगर ठीक इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी की स्थिति है और वह अपने महत्वपूर्ण संगठन एनएसयूआई से जुड़े छात्रों की उपेक्षा करने पर उतारू है। प्रदेश के सभी महाविद्यालयों के छात्रसंघ के चुनाव कराये जा रहे हैं।

 

प्रदेश के अधिकांश कालेजों में छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी और एनएसयूआई समर्थित छात्र चुनाव मैदान में उतरे हुये है। मगर स्थानीय सरदार भगत सिंह राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में छात्रसंघ के चुनाव मे कांग्रेस की युवा इकाई एनएसयूआई को जिस प्रकार से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा दरकिनार कर दिया गया। वह एक चर्चा का विषय बन चुका है। यहां छात्र संघ चुनाव में पार्टी के नेताओं को एनएसयूआई में ऐसा कोई भी सक्रिय छात्र नेता नजर नहीं आया जिसे छात्रसंघ चुनाव में किसी भी पद पर प्रत्याशी के रूप में उतारा जा सके। जब पार्टी की नींव़ को ही इतना कमजोर बना दिया जायेगा तो पार्टी की इमारत कैसे मजबूत होगी, इसको लेकर क्षेत्र में चर्चा जोरो पर है। रूद्रपुर छात्रसंघ चुनाव में किसी भी पद पर एनएसयूआई का प्रत्याशी खड़ा न किया जाना पार्टी के भविष्य के लिये गलत संकेत दे रहा है। एक ओर जहां निर्विरोध विजयी होने वाले पदाधिकारी अपने समर्थकों के साथ जीत का जश्न मना रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई से जुड़े कालेज के विद्यार्थी पार्टी के नेताओं को कोसकर स्वंय को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। अब जबकि आगामी लोकसभा तथा निकाय चुनाव ज्यादा दूर नहीं रह गये हैं कांग्रेस नेताओं का एनएसयूआई नेताओं की उपेक्षा करना भारी साबित हो सकता है। ऐसा भी नहीं कि जिला मुख्यालय में कांग्रेस नेताओं का अभाव हो। पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेताओं सहित जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, 40 वार्डों के अध्यक्ष के साथ ही सैकड़ों की संख्या पदाधिकारियों की फौज यहां पर मौजूद है। बावजूद इसके पार्टी नेता महाविद्यालय छात्रसंघ चुनाव किसी भी पद पर एक भी प्रत्याशी का चयन नहीं कर पाये। जिसका परिणाम यह हुआ कि रूद्रपुर छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी समर्थित प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन हो गया। ऐसा नही है कि रूद्रपुर में कांग्रेस का अपना वोट बैंक नही है, बल्कि आज भी रूद्रपुर क्षेत्र में कांग्रेस का अच्छा खासा वोट बैंक है। लेकिन कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी के चलते कांग्रेस पार्टी की स्थिति हशिये पर है। यदि कांग्रेस के पदाधिकारी एकजुट होकर दूरदर्शिता सोच के साथ आगे बढ़े तो क्षेत्र में पुनः कांग्रेस को मजबूत किया जा सकता है लेकिन प्रदेश नेतृत्व द्वारा गुटबाजी के खिलाफ कार्रवाई न कर उसे हवा देने से आज कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोग निराश है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.