रूद्रपुर के दशहरा मेले में भीड़ ने तोड़े सारे रिकार्ड
रूद्रपुर (उद संवाददाता)। विजयादशमी के पर्व पर गत दिवस गांधी मैदान में रामलीला मंचन के दौरान मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम ने लम्बे युद्ध के बाद लंकापति रावण की नाभि में तीर मारकर उसकी अंत कर दिया। जिसके पश्चात धार्मिक अनुष्ठान कर रावण, कुम्भकरण तथा मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया। इस मौके पर अनेक गणमान्य अतिथियों के साथ हजारों की संख्या में मौजूद लोगो ने रामलीला का आनंद उठाया। पुतलों से आतिशबाजी के धमाको की आवाज से लोग काफी रोमांचित हुए।विजयादशमी के मौके पर इस वर्ष गांधी पार्क में रामलीला देखने वालों की अभूतपूर्व भीड़ जुटी। रामलीला मंचन देखने के लिए आये लोगों से जहां गांधी पार्क परिसर पूरी तरह से भर गया था वहीं गाधी पार्क के बाहर भी हजारों की संख्या में लोग रामलीला मंचन देखते नजर आये। लोगों की इतनी सारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। गांधी पार्क के चारों ओर लोगों की भीड़ एकत्रित हो जाने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हांे गया था। जिसे व्यवस्थित करने में पुलिस कर्मियों को काफी मेहनत करनी पड़ी। लोगों का कहना है कि नगर के कई क्षेत्रों में दशहरा पर्व मनाये जाने के बावजूद गाधीपार्क में ऐतिहासिक भीड़ रही।लोगों ने आयोजन कमेटी की व्यवस्थाओं की भी खूब सराहना की। इससे पूर्व मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम की वानर सेना लक्ष्मी नारायण मंदिर से लंकापति रावण की सेना से युद्ध करती हुई नगर के मुख्श्य मार्गों से होते हुए गांधी पार्क पहुंची। दोनों सेनाओं के युद्ध करते हुए गाधी पार्क में प्रवेश करते ही वहां मौजूद हजारों लोग अपने स्थान पर खड़े हो गये और जय श्री राम के जयघोषों से सारा वातावरण गुंजायमान कर दिया। जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच चले युद्ध की लीला को देखकर दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। इस युद्ध को तमाम देवी देवता और गंधर्व भी टकटकी लगाये देखते रहे। काफी देर तक चले युद्ध के बाद भी जब लंकापति रावण का अंत नहीं हुआ तो विभीषण ने श्री राम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत मौजूद है। जब तक नाभि के अमृत को नष्ट नहीं किया जायेगा रावण का अंत नहीं हो सकता है। विभीषण की बात सुनकर श्री राम ने देवी देवताओं का स्मरण कर रावण की नाभि में अग्नि वाण छोड़ा। वाण लगते ही रावण युद्ध मैदान में छटपटाकर गिर पड़ा। जिसके बाद श्री राम ने लक्ष्मण को मरणासन्न रावण से ज्ञान लेने को कहा। लक्ष्मण रावण के सिर के पास खड़े हो गये लेकिन रावण खामोश रहे। लक्ष्मण ने श्री राम को आकर बताया तो श्री राम ने कहा कि ज्ञान चरणों के पास खड़े होकर लिया जाता है न कि सिर के पास। जिस पर लक्ष्मण ने रावण के पैरों के पास खड़े होकर ज्ञान प्राप्त किया। रावण की मौत होते ही गांधी मैदान में जय श्री राम का शोर गूंजने लगा। तत्पश्चात रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतलों को का दहन किया गया। इस मौके पर रूद्रपुर विधायक शिव अरोरा, किच्छा विधायक व रामलीला कमेटी के संरक्षक तिलक राज बेहड़, मेयर रामपाल सिंह, गुरमीत सिंह,विजय भूषण गर्ग, सोनू अनेजा,भारत भूषण चुघ, एसएसपी मंजूनाथ टीसी आदि ने सभी को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष महेश बब्बर, महामंत्री ओमप्रकाश अरोरा, श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, विजय विरमानी, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर,नरेश शर्मा, संचालक विजय जग्गा, संजय ठुकराल, राजकुमार परूथी, मीना शर्मा, अनिल शर्मा, आदि मौजूद थे।