गुटबाजी नहीं चुनाव के लिये वार्मअप कर रही है कांग्रेस
हरदा बोले-प्रदेश में चल रहा आर्थिक और संवैधानिक संकट का दौर,राहुल का पूरा परिवार शिवभक्ति
रूद्रपुर। प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर यहां जिला मुख्यालय में पहुंचे। यहां उन्होंने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात की। लोकसभा का चुनाव लड़ने की अत्यधिक संभावनाओं के बीच हरीश रावत लगतार कुमाऊं भ्रमण पर आ रहे हैं। जबकि वह असम में भी विभिन्न कार्यक्रमों में भगीदारी कर सीधे उत्तराखंड की ओर रूख कर गये। यूएसनगर जिले में करीबी कार्यकर्ताओं से उन्होंने चुनावी तैयारियों के साथ ही विपक्ष की रणनीति और प्रत्याशियों को लेकर फीडबैक लेने का भी प्रयास किया। यहां जन्माष्टमी पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित कई र्कायक्रमों में पहुंचकर उन्होंने क्षेत्रवासियों को शुभकमनायें दी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी शिव भक्त हैं। यह बताने की आवश्यकता नहीं हैं। वह स्वयं केदारनाथ तक 20 किलोमीटर पैदल यात्रा कर चुके हैं। इस समय वह कैलास मानसरोवर की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा विकास नहीं बल्कि धर्म व जाति की राजनीति से भेदभाव फैलाकर देश का वातावरण खराब कर रही है। आम लोग समझ चुके हैं कि भाजपा और उसकी सरकारें विकास नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि आजादी के समय से ही जवाहरलाल नेहरू शिव के अनन्य भक्त रहे हैं। उनकी भक्ति पर सवाल उठाना गलत है। श्री रावत ने यह बात सोमवार को अन्नपूर्णा देवी मंदिर शांतिनगर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के कार्यक्रम में पूजा अर्चना के बाद पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का इनवेस्टर्स समिट भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की तरह है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद 10 फीसद भी उद्योग लग गए तो बड़ी बात होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा गुणगान और सपने दिखाना जानती है विकास करना नहीं। हरीश ने कहा कि पिछली सरकार सिंगल इंजन की थी। इसके बावजूद उसने इतना कर्ज नहीं लिया जितना इस डबल इंजन सरकार ने दो साल के कार्यकाल में ले लिया है। आखिर बाजार से इतना कर्ज लेकर प्रदेश सरकार कहां खर्च कर रही है इसका जवाब नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कार्मिकों को समय से पगार नहीं मिल रही है। सड़क, सिचाई, पेयजल और बिजली समेत तमाम काम ठप हैं। इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रयाग दत्त भट्ट, ब्लाक प्रमुख भोला दत्त भट्ट, महिला नेत्री सीमा पाठक, पुष्कर दानू, नारायण सिंह बिष्ट, खजान पाण्डे, ललित मेहता ,शिवराज बिष्ट, गिरधर बम ,ललित आर्या,मोहन कुड़ाई, नारायण कार्की व मन्नू तूलेड़ा आदि कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे। खटीमा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस में उभरी गुटबाजी को पार्टी का वार्मअप करार देते कहा कि इससे कांग्रेस में जोश आएगा। सभी चुनाव तक तेज तर्रार तरीके से काम करने लगेंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार पर नजूल नीति पर नाकाम होने का आरोप भी लगाया। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाऊस में पत्रकारों से हरीश ने कहा कि पार्टी में गुटबाजी नहीं चल रही है। कार्यकर्ता और पदाधिकारी वार्मअप कर रहे हैं ताकि उनमें जोश आ जाए। रुद्रपुर में नजूल की जमीन पर बसे 20 हजार से ज्यादा परिवारों पर आए सकंट के सवाल कहा कि यह भाजपा सरकार की लापरवाही से हो रहा है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने स्पष्ट नजूल नीति लागू की थी। इससे नजूल पर बसे लोगों को हक मिलना तय था लेकिन वर्तमान सरकार ने उनकी नीति को पलट दिया है।
प्रदेश में आर्थिक और संवैधानिक संकट का दौर
किच्छा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर मुख्यमंत्री श्वेत पत्र जारी करें। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार निकाय चुनाव टाल चुकी है जिससे प्रदेश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं। इससे जनता को राज्य की माली हालत की असलियत पता चलेगी। उन्होंने कहा कि आखिर प्रदेश सरकार को किन परिस्थितियों में कर्ज लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार उपजाऊ जमीन पर सेंध लगाने की कोशिश की तो इसका विरोध होगा। कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से हरीश ने कहा आपदा प्रबंधन में विफल प्रदेश सरकार के मुखिया लोगों को संकट में छोड़कर इनवेस्टर मीट की तैयारी में लगे हैं। वह बताएं कि जिन उद्योगपतियों को वह न्योता दे रहे हैं उनके लिए भूमि कहां है। जो भूमि है उसका प्रयोग पूर्व में निर्धारित हो चुका है। सरकार ने पंतनगर की उपजाऊ भूमि में सेंध लगाने का प्रयास किया तो वह इसका पुरजोर विरोध करेंगे। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर पूर्व सीएम ने कहा किसान परेशान है और केंद्र सरकार आय दोगुनी करने की बात कर रही है। खरीफ की फसल के निर्धारित दाम सरकार की मंशा बता रहे हैं। मात्र 30 रुपये की वृद्धि किसान के साथ मजाक है। कांग्रेस किसान को उसका हक दिलाने के लिए सड़क पर उतरने से पीछे नहीं रहेगी।