‘भगवान’ के दर पर भी पैसे का ‘बोलबाला’: उत्तराखंड में पहली बार वीवीआईपी दर्शनों की व्यवस्था से 33000 से अधिक दर्शनार्थियों ने लिया सुविधा का लाभ

0

बदरी केदार समिति ने वीआईपी एवं वीवीआईपी दर्शन से कमाए करोड़ों
-अर्श-
रूद्रपुर। समस्त वेद पुराणों एवं तमाम प्रमुख हिंदू धार्मिक ग्रंथो में यह बात बड़ी ही प्रमुखता से बताई गई है तथा प्रायः सभी हिंदुओं का अटूट विश्वास भी यही है कि भगवान सभी भक्तों समान नजर से देखते हैं अर्थात भगवान की नजर में अमीर और गरीब भक्त एक समान है और उनके द्वारा धनवान और निर्धन भक्तों में कोई भेद नहीं किया जाता। पर ऐसा लगता है कि हिंदुओं के प्रमुख आस्था केदो के व्यवस्थापन कार्य से जुड़ी संस्थाएं अपने विसंगति पूर्ण कार्यों के द्वारा भक्तों के इस अटूट विश्वास को कमजोर करने में लगी है। जाहिर है कि अगर भगवान के दर्शन में अमीर और गरीब का भेद किया जाएगा और दर्शनों के लिए फीस निर्धारित की जाएगी, तो ‘भगवान के दर पर सभी भक्त समान है’ का विश्वास कमजोर होना ही है। अभी तक देवभूमि उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक केंद्र बदरीनाथ एवं केदारनाथ में फीस देकर भगवान के दर्शन, अन्य भक्तों से पहले करने व्यवस्था नहीं थी। आशय यह है कि अमीर व्यक्ति पैसे देकर भगवान के दर्शन गरीब व्यक्ति से पहले नहीं कर पाता था सभी एक साथ कतार में खड़े रहते थे और अपनी बारी आने पर मंदिर के भीतर जाकर भगवान की पूजा अर्चना एवं दर्शन किया करते थे, मगर इस बार की चार धाम यात्रा का सीजन आरंभ होने पर, चार धाम यात्रा का प्रबंधन करने वाली संस्था बदरी केदार मंदिर समिति ने देवभूमि में भी यह व्यवस्था लागू कर दी। बताना होगा कि बद्री केदार मंदिर समिति को इस बार वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन से मोटा मुनाफा हुआ है। यात्रा सीजन के दौरान अब तक बद्री केदार मंदिर समिति ने एक करोड रुपए की कमाई की है। दरअसल इस बार बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में पहली बार वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन के लिए 300 रूपये फीस निर्धारित की गई थी। जिसके तहत बड़ी संख्या में वीआईपी दर्शन कराए गए और आने वाले श्रद्धालुओं से ये फीस ली गई। इस फीस से अब तक बद्री केदार मंदिर समिति को लगभग एक करोड़ रुपए कमाई हुई है। यह खुलासा स्वयं बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने किया है। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम में इस बार वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन के लिए शुल्क लगाया गया। यह व्यवस्था उत्तराखंड में पहली बार की गई थी और चालू यात्रा सीजन में अब तक दोनों धामों में वीआईपी दर्शन से बद्री केदार समिति को एक करोड रुपए की कमाई हुई है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य मंदिरों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। इसलिए बद्री केदार मंदिर समिति ने भी उन मंदिरों का अध्यन कर केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन के लिए फीस लागू की है। उनके अनुसार बीकेटीसी ने देश के चार बड़े मंदिरों का अध्ययन करने के बाद इस सुविधा को व्यवस्था को अमल मिलने का फैसला किया है। इस साल यात्रा सीजन से पहले बद्री केदार मंदिर समिति की टीम ने देश के चार बड़े मंदिरों के दौरे किए थे। जिसमें वैष्णो देवी,सोमनाथ मंदिर, तिरुपति बालाजी और महाकाल मंदिर शामिल थे । इन मंदिरों में कई तरह की व्यवस्थाएं देखने को मिली, जिनमें विशिष्ट और अति विशिष्ट श्रद्धालुओं के लिए शुल्क भी लागू था। इन मंदिरों के अध्ययन के बाद बदरी केदार मंदिर समिति ने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में भी वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क लगाने का फैसला किया। इसके बाद इस यात्रा सीजन में बद्री केदार मंदिर समिति को तकरीबन एक करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है और आगामी 2 महीने में और भी कमाई की उम्मीद है।जानकारी के मुताबिक अब तक लगभग 33 हजार से ज्यादा विशिष्ट और अति विशिष्ट यात्री केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में दर्शन कर चुके है । वहीं अगर चारों धाम पहुंचे कुल श्रद्धालुओं की बात की जाए ,तो अब तक तकरीबन 45 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारों धाम में दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं और यह संख्या आगामी दो माह में करोड़ भी छू जाए तो आश्चर्य ना होगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.