तो उधम सिंह नगर जिले में अब ‘मातृशक्ति नहीं रही महफूज’?
- महिला अपहरण के मामले में उधम सिंह नगर ने तोड़ा अपना ही पिछला रिकॉर्ड
- कुमाऊं मंडल के अर्धवार्षिक आपराधिक आंकड़ों की बानगी
- कुमाऊं मंडल का पिथौरागढ़ जिला महिलाओं के लिए सबसे अधिक महफूज
(अर्श)
रूद्रपुर। तो क्या उत्तराखंड की आर्थिक राजधानी को अपने आप में समेटने एवं संरक्षित करने वाला उधम सिंह नगर जिला ,अब मातृशक्ति के लिए पूर्णता सुरक्षित नहीं रह गया और क्या उधम सिंह नगर जिले के विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों एवं महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए फिक्रमंद होने की जरूरत है ? देवभूमि में मातृ शक्ति की सुरक्षा से संबंधित यह प्रश्न, हम चालू अगस्त के प्रथम पखवाड़े में रुद्रपुर के ट्रांसिट कैंप थाना अंतर्गत हुए दोहरे हत्याकांड जिसमें एक महिला को उसके पति के साथ धारदार हथियार से गोद कर मौत के घाट उतार दिया गया था, के कारण नहीं उठा रहे हैं। बल्कि यह सुलगता हुआ सवाल पुलिस के आंकड़ों अर्थात कुमाऊं मंडल के अर्धवार्षिक अपराधिक रिकॉर्ड के ग्राफ से निकलकर सामने आया है ।काबिले गौर है कि हाल ही में कुमाऊं मंडल में वर्ष 2023 के जनवरी माह से जून माह तक घटित हुए अपराधों से संबंधित एक अर्धवार्षिक रिपोर्ट के सामने आए हैं, जिसमें इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि इस 6 माह की अवधि में अकेले उधम सिंह नगर जिले में ही महिलाओं के अपहरण के 38 मामले सामने आए हैं। बताना होगा कि वर्ष 2021 तथा वर्ष 2022 में उधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत पूरे 1 साल की अवधि के दौरान महिला अपहरण के 37- 37 मामले रजिस्टर्ड किए गए थे ।जाहिर है कि ऊधमसिंहनगर जिले ने महिलाओं के अपहरण से संबंधित मामलों में इस साल अपना ही पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है । लिहाजा यह कहना गलत नहीं होगा कि ऊधमसिंहनगर में महिलाओं के विरुद्ध अपराध का ग्राफ लगातार ऊंचा होता जा रहा है । कदाचित यही कारण है कि जिले में पिछले एक साल के दौरान महिलाओं के अपहरण के जितने मामले हुए थे, उससे ज्यादा मामले इस वर्ष के पहले 6 महीनों में ही सामने आ चुके हैं। इस तरह पुलिस आंकड़ों की गवाही के आईने में ही,अगर महिलाओं के अपहरण से संबंधित अपराधों की दर का सूक्ष्म विवेचन करें , तो उधम सिंह नगर जिले में हर महीने 6.33 महिलाओं का अपहरण प्रतिमाह किया गया ।उधम सिंह नगर जिले के लिहाज से यह खासा चिंता जनक है, कि उधम सिंह नगर जिला केवल महिलाओं के अपहरण अथवा महिलाओं के विरुद्ध अपराध में ही पूरे कुमाऊं मंडल में अग्रणी नहीं है, बल्कि अन्य छोटे ,बड़े एवं जघन्य अपराधों में भी पहले पायदान पर है। चाहे फिर वो घर में घुसकर चोरी हो, वाहन चोरी, लूट, डकैती हत्या अथवा या फिरौती के अपराध क्यों ना हों। उधम सिंह नगर जिले के बाद कुमाऊं मंडल का नैनीताल जिला अपराधों की दृष्टि से दूसरे पायदान पर है। हालांकि दूसरे नंबर पर होने के बावजूद उधम सिंह नगर के मुकाबले यहां अपराध काफी कम है। आंकड़ों के आलोक में देखें तो नैनीताल जिले में वर्ष 2023 के पहले 6 महीने में महिला अपहरण के 15 मामले एवं बलवा के 31 मामले दर्ज किए गए ।जबकि उधम सिंह नगर जिले में बलवा से संबंधित अपराधों की संख्या 56 रही है। वही अल्मोड़ा एवं बागेश्वर जिले में महिला अपहरण के क्रमशः एक-एक मामले दर्ज किए गए । इसके अलावा चंपावत में महिला अपहरण के दो मामले सामने आए हैं। उत्तराखंड के भीतर पिथौरागढ़ ही एकमात्र ऐसा जिला है ,जहां वर्ष 2023 के पहले 6 माह में महिला अपहरण से संबंधित एक भी मामला सामने नहीं आया। इस दृष्टि से राज्य का पिथौरागढ़ जिला महिला सुरक्षा की दृष्टि से सबसे अधिक महफूज है। हाल ही में सामने आए आंकड़ों के आईने में यदि कुमाऊं मंडल को केंद्र में रखकर दृष्टिपात किया जाए, तो इस साल के पहले 6 माह के भीतर पूरे कुमाऊं से महिला अपहरण के कुल 57 मामले दर्ज हुए, जबकि बलवा की 138 रिपोर्ट दर्ज की गईं। कुमाऊं मंडल के सभी जिलों की पुलिस के लिए बड़ी राहत की बात तो यह है कि चालू वर्ष में अभी तक हत्या के लिए कहीं भी किसी का अपहरण नहीं हुआ। यह अलग बात है कि वर्ष 2022 में ऊधमसिंहनगर में इस श्रेणी के 2 मामले दर्ज किए गए थे।
उधम सिंह नगर पुलिस को आईजी ने किया सचेत
रूद्रपुर। कुमाऊं मंडल में घटित अपराधों की समीक्षा के दौरान आईजी कुमाऊँ डॉक्टर नीलेश आनंद भरणे ने उधम सिंह नगर जिले में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अपराध को बेहद गंभीरता से लेते हुए कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध पर लगाम लगाने के लिए ऊधमसिंहनगर पुलिस को सचेत किया गया है और चेतावनी भी दी गई है। पुलिस समय-समय पर महिला अपराध के खिलाफ जागरुकता कार्यक्रम चलाती है। इसके लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए हैं और गौरा शक्ति ऐप भी इस दिशा में कारगर साबित हो रहा है।