बैंक में बंधक बनाई भूमि को बेचकर लाखों का ऋण हड़पा
रूद्रपुर (उद संवाददाता)। बैंक में बंधक बनाकर रखी गई भूमि को साजिश कर बेचकर लाखों रूपये का ऋण हड़प लेने का मामला प्रकाश में आया है। बैंक प्रबंधक ने आरोपियों के विरूद्ध कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज करा दिया है। दर्ज रपट में भानू प्रताप सिंह लीगल र्मैनेजर कोटक महिन्द्रा बैंक शाखा रूद्रपुर रूद्रा कान्टीनेंटल होटल, काशीपुर बाईपास रोड ने गजराज सिंह पुत्र छेदा सिंह, श्याम बिहारी पुत्र छेदा सिंह, श्रीमति मोहन देई पत्नी छेदा सिंह, मुकेश कुमार पुत्र छेदा सिंह तथा टीकाराम पुत्र छेदा सिंह निवासीगण ग्राम गहलुईया तह0 बहेड़ी जिला बरेली के विरूद्ध आरोप लगाते हुए कहा है कि कोटक महिन्द्रा बैंक में आईएनजीवैश्य बैंक का विलय हो गया था। आईएनजी वैश्य बैंक की शाखा रुद्रपुर से गजराज सिंह, श्याम बिहारी, मोहन देई द्वारा 31 जुलाई 2014 को कृषि ऋण 27 लाख रूपया का लिया था। जिसमें गजराज सिंह के भाई मुकेश व टीकाराम गारंटर थे। गजराज सिंह, राम आसरे, श्याम बिहारी, श्रीमति मोहन देई, मुकेश कुमार व टीकाराम द्वारा इस ऋण के एवज में अपनी कृषि भूमि आईएमजी वैश्य बैंक ;वर्तमान में कोटक महिन्द्रा बैंक के पक्ष में बंधक की थी । ऋण अनुबंध के अनुसार बैंक से लिया गया ऋण समय पर ब्याज सहित किश्तों में चुकता कर बैंक से नोडड्ढूज प्रमाण/ डिस्चार्ज प्रमाण पत्र प्राप्त कर उत्तफ कृषि ऋण के लिए बंधक रखी अपनी कृषि भूमि से बैंक का चार्ज भार मुत्तफ कराना था। परन्तु लिया गया कृषि ऋण व ब्याज नही चुकाया गया । जिससे 29 जून 2020 को उत्तफ ऋण खाता एनपीए हो गया । बैंक द्वारा बैंक के पक्ष में बंधक की गई कृषि भूमि के राजस्व अभिलेखों का आनलाईन सत्यापन किया गया । पता चला कि बंधक कृषि भूमि में से कुछ भूमि गजराज सिंह, राम आसरे, श्याम बिहारी, श्रीमति मोहन देई व गारंटर मुकेश कुमार व टीकाराम ने एकराय होकर बैक के साथ धोखाधड़ी कर बैंक से लिए गये ऋण को हडपने की नीयत से उत्तफ कृषि ऋण का एक फर्जी एवं कूटरचित नो डड्ढूज सर्टिफिकेट बनाकर उसे बैक द्वारा प्रदत्त असली नो डड्ढूज सर्टिफिकेट की तरह प्रयोग कर उसे तहसील कार्यालय बहेड़ी जिला बरेली में दाखिल कर तहसील कर्मियो की मिली भगत से आईएनजी वैश्य बैक ; अब कोटक महिन्द्रा बैंकद्ध के पक्ष में बंधक की गई कृषि भूमि को बंधक मुत्तफ कराकर एक हिस्सा बेच दिया है । कृषि ऋण खाते का गजराज सिंह, राम आसरे, श्याम बिहारी, श्रीमति मोहन देई, मुकेश कुमार व टीकाराम के उपर कुल बकाया 46,59,438. 80 रूपये है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
बैंक का फर्जी नो डयूज का प्रमण पत्र बनवाकर बंधक कृषि भूमि को करा लिया अवमुक्त,कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज
रूद्रपुर। कृषि भूमि को बैंक में बंधक बनाकर लाखों रूपये का ऋण लेने के बाद साजिश रचकर बैंक का फर्जी नो ड्यूज बनवाकर तहसील कार्यालय से बंधक भूमि को मुक्त करा लिए जाने का मामला सामने आया है। बैंक प्रबंधक ने आरोपियों के विरूद्ध कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज करा दिया है। दर्ज रपट में भानू प्रताप सिंह लीगल र्मैनेजर कोटक महिन्द्रा बैंक शाखा रूद्रपुर रूद्रा कान्टीनेंटल होटल, काशीपुर बाईपास रोड ने पवन सिंह पुत्र नत्थू सिंह, श्रीमति शशिलता पत्नी पवन सिंह तथा मोहन सिंह पुत्र नत्थू सिंह निवासीगण मोहल्ला रामलीला तह बहेड़ी जिला बरेली के विरूद्ध आरोप लगाते हुए कहा है कि कोटक महिन्द्रा बैंक में आईएनजीवैश्य बैंक का विलय हो गया था। आईएनजीवैश्य बैंक की शाखा रुद्रपुर से श्रीमति शशिलता एवं पवन सिंह द्वारा 31 जनवरी 2014 को कृषि ऋण 26 लाख रूपया का लिया था। जिसमें पवन सिंह के भाई मोहन सिंह े गारंटर थे। श्रीमति शशिलता एवं पवन सिंह द्वारा इस ऋण के एवज में अपनी कृषि भूमि कोटक महिन्द्रा बैंक के पक्ष में बंधक की थी। ऋण अनुबंध के अनुसार उत्तफ शशिलता एवं पवन सिंह को बैक से लिया गया ऋण समय पर ब्याज सहित किश्तो में चुकता कर बैंक से नो डयूज प्रमाण डिस्चार्ज प्रमाण पत्र प्राप्त कर उत्तफ कृषि ऋण के लिए बंधक रखी अपनी कृषि भूमि से बैक का चार्ज भार मुत्तफ कराना था परन्तु उत्तफ शशिलता एवं पवन सिंह द्वारा बैंक से लिया गया कृषि ऋण व ब्याज नहीं चुकाया गया। जिससे 31 मार्च 2017 को उत्तफ ऋण खाता एनपीए हो गया। बैंक द्वारा बार-बार तकादा करने पर ऋण नहीं चुकाये जाने पर जब बैंक द्वारा शशिलता एवं पवन सिंह के द्वारा बैंक के पक्ष में बंधक की गई कृषि भूमि के राजस्व अभिलेखो का आनलाईन सत्यापन किया गया। तो पता चला कि शशिलता एवं पवन सिंह व गारंटर माहन सिंह ने एकराय होकर बैक के साथ धोखाधड़ी कर लिए गये ऋण को हडपने की नीयत से उत्तफ कृषि ऋण का एक फर्जी एवं कूटरचित नो डयूज सर्टिफिकेट बनाकर उसे बैक द्वारा प्रदत्त असली नो डयूज सर्टिफिकेट की तरह प्रयोग कर े तहसील कार्यालय बहेड़ी जिला बरेली में दाखिल करा और तहसील कर्मियो की मिली भगत से आईएनजी वैश्य बैंक अब कोटक महिन्द्रा बैंक के पक्ष में बंधक की गई कृषि भूमि को बंधक मुत्तफ करा लिया। जबकि लिया गया कृषि ऋण आज तक नहीं चुकाया गया है। कृषि ऋण खाते का श्रीमति शशिलता, पवन सिंह एंव मोहन सिंह के उपर कुल बकाया 87,72,222.40 रूपये है । फर्जी नो डयूज प्रमाण पत्र के सम्बंध में पूछताछ व जाँच करने पर पता चला कि पूर्व आईएनजी वैश्य बैक ;अब कोटक महिन्द्रा बैंकद्ध द्वारा श्रीमति शशिलता, पवन सिंह एंव मोहन सिंह को कृषि ऋण के डिस्चार्ज के लिए कोई नो डयूज प्रमाण पत्र उधारकर्ता व गारंटर के पक्ष में जारी नही किया गया है । तहसील में प्रस्तुत किया गया नो डयूज प्रमाण पत्र पूर्ण रूप से फर्जी है । अब धमकी दी जा रही है कि ेलोन चुकाने को कहा तो गंभीर परिणाम भुगतने होगे। घटना की शिकायत पुलिस से की गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। कोर्ट केे आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के विरू( मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।