विद्युत करंट से युवक की मौत
देर रात घर में हुआ हादसा, अस्पताल में नहीं मिला उपचार
काशीपुर(उद संवाददाता)। करंट की चपेट में आकर देर रात मजदूरी करने वाले एक युवक की हालत बेहद गंभीर हो गई। परिजनों द्वारा आनन- फानन में भुक्त भोगी को उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय लाया गया जहां समुचित इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। अकस्मात घटी घटना से परिवार में कोहराम मचा है। जानकारी के मुताबिक ग्राम धीमरखेड़ा का माजरा थाना आईटीआई निवासी पंकज कुमार 31 वर्ष पुत्र जगरूप सिंह मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। पता चला है कि बीती रात्रि लगभग 8 बजे स्विच में तार लगाते हुए अचानक वह करंट की चपेट में आकर अचेत हो गया। परिजनों को जैसे ही इसका पता चला उन्होंने नाजुक हालत में भुक्तभोगी को उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया लेकिन परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों की घोर लापरवाही के कारण कुछ देर बाद ही उसकी अस्पताल में मृत्यु हो गई। मृतक की एक डेढ़ वर्ष का पुत्र आयुष है। अचानक घटी घटना को लेकर मृतक परिवार में शोक व्याप्त है।
रेफर सेंटर बना सरकारी अस्पताल
काशीपुर। राजकीय चिकित्सालय में उपचार के लिए आने वाले गंभीर रोगियों एवं दुर्घटना में घायलों की होने वाली मौतों के लिए अब अस्पताल की व्यवस्था को पूरी तरह जिम्मेदार माना जा सकता है। काशीपुर के राजकीय चिकित्सालय में नेत्र रोग हîóी रोग के चिकित्सकों का टोटा है। आरोप है कि इमरजेंसी में डड्ढूटी पर मौजूद स्टाफ रोगियों तथा उनके दिमागदारों से दुर्व्यवहार करते हैं। अस्पताल में पूर्व की भांति दलालों की सक्रियता बरकरार है। यह दलाल अस्पताल आए रोगियों को मोटे कमीशन के चक्कर में प्राइवेट अस्पतालों में ले जाने का काम कर रहे हैं। वैसे भी काशीपुर का राजकीय चिकित्सालय पिछले काफी समय से रेफर सेंटर बना हुआ है। यहां उपचार के लिए आए गंभीर रोगियों अथवा दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तत्काल रेफर कर दिया जाता है।