समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में गरजे किसान

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रूद्रपुर। संयुक्त किसान मोर्चे की तहसील रूद्रपुर इकाई ने सोलह सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को सम्बोधत ज्ञापन एडीएम को सौंपकर किसानों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग की। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत कलेक्टेªट पहुंचे किसानों का कहना था कि भारत सरकार द्वारा किसानों से वायदा करने के बाबजूद अपने वायदे के खिलाफ लगातार किसानों को जल, जंगल तथा जमीन से बेदखल कर कौरपोरेट के हवाले किया जा रहा है जिससे किसानों में भारी आक्रोश है। किसानो ंने ज्ञापन में किसानों की सभी फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीद की गारन्टी का कानून बनाने, किसानों के सभी किस्म के ऋण माफ करने की मांग करने, विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को तत्काल वापस लेने, किसानों को मुफ्त बिजली देने लखीमपुर खीरी जिले में चार किसानों व एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टैनी को कैविनेट से बर्खास्त करने,, लखीमपुर खीरी में बेगुनाह किसानों पर किए गये झूठे मुकदमें वापस लेने, घायल किसानों के परिवारों को मुआवजा देने का वायदा पूरा करने , सूखा, बाढ़ अतिवृष्टि, फसल सम्बन्धी बीमारियों आदि के कारण होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए सभी फसलों के लिए तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने, सभी मध्यम, छोटे और सीमान्त पुरूष और महिला किसानों और खेतीहर मजदूरों के लिए 10,000 प्रतिमाह किसान पेन्शन योजना लागू करने, स्मार्ट सिटि, ऑल वेदर रोड़, विद्युत रेलवे, केदारनाथ, बदरीनाथ नव निर्माण योजना जैसी जन विरोधी कार्पाेरेट की पक्षधर योजनाओं पर रोक लगाने, अतिक्रमण हटाने के नाम पर उत्पीड़न रोकने ,वर्षाे से वन भूमि बांध, सिंचाई ग्राम समाज व अन्य भूमि पर काबिज किसानों, मजदूरों को मालिकाना हक देने, बाजपुर के करीब 20 गांव के लोगों के भूमिधरी अधिकार वापस करने, और खरीद फरोख्त पर लगी पाबन्दी हटाने, जोशीमठ सहित सभी भूस्खलन क्षेत्रों में समुचित पुनर्वास की व्यवस्था करने,वर्ग एक व वर्ग चार के पटटे की भूमि पर उत्तराखण्ड सरकार के शासनादेश के तहत हजारो किसानों की जमा लम्बित पत्रावलियों का निस्तारण,गन्ना खरीद मूल्य 500रू प्रति कुन्तल करने, गन्ने का भुगतान 14 दिन में करने व समय से भुगतान न करने वाली मिल प्रबन्धन के खिलाफ मामला दर्ज करने,कोविड व किसान आन्दोलन के दौरान किसानों, मजदूरों पर दर्ज सभी मुकदमें वापस किये जाने, सहित 16 सूत्रीय मांगें उठाई। इस दौरान ठा. जगदीश सिंह,तजेन्द्र सिंह विर्क, ललित मटियाली, जसवीर सिंह, गुरजीत सिं,ह नरेश पंडित, कांवल सिंह, गुरदीप सिंह, सुरजीत सिंह बरनाला के अलावा तराई किसान संगठन, अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, किसान यूनियन एकता उग्रहां, भूमि बचाओ मुहिम आदि के पदाधिकारी शामिल थे।

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